अहमदाबाद : राज्य में आवारा पशुओं के समुचित नियंत्रण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध

अहमदाबाद : राज्य में आवारा पशुओं के समुचित नियंत्रण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध

ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशियों को मिलेगी आवास एवं देखभाल की समुचित व्यवस्था : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में आवारा पशुओं के समुचित नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं को उचित आवास और देखभाल करने की योजना बनाई गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए राज्य सरकार ने गौसेवा एवं गौचर विकास बोर्ड के माध्यम से रु. 50 करोड़ के प्रावधान के साथ एक नई योजना लागू की गई है। 
मंत्री ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य गैर-वंशानुगत आवारा पशुओं को ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रय प्रदान करना और आश्रय में पशुओं के रख-रखाव, स्वास्थ्य और देखभाल की उचित व्यवस्था करना है। यह योजना राज्य के स्थानीय स्व-सरकारी निकायों द्वारा किए गए गैर-वंशानुगत मवेशियों के नियंत्रण को बढ़ावा देगी।

मवेशियों के रखरखाव के लिए प्रति पशु रु. 30 प्रति दिन के आधार पर संस्थानों को दिया जाएगा


कृषि मंत्री ने आगे कहा कि इस योजना के तहत 01-04-2022 से पहले सार्वजनिक धर्मार्थ अधिनियम के तहत पंजीकृत राज्य संस्थानों द्वारा संचालित गौशाला, बूचड़खाने और स्वैच्छिक संगठन और स्थानीय स्व-सरकारी निकाय, जो गैर-विरासत वाले मवेशियों को स्वीकार करते हैं। इस प्रकार जो संस्थाएं स्थायी आधार पर कार्य कर रही हैं, वे कलेक्टर एवं मामलातदार की अनुशंसा के अनुसार सहायता हेतु पात्र मानी जायेंगी। इस योजना के तहत यदि गैर-वंशानुगत मवेशियों के मवेशियों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों द्वारा पात्र गौशालाओं, पांजरापोल, स्वैच्छिक संगठनों या स्थानीय स्व-सरकारी संगठनों में रखा जाता है, तो ऐसे मवेशियों के रखरखाव के लिए प्रति पशु रु. 30/- प्रति दिन के आधार पर संस्थानों को दिया जाएगा।

कृषि फसलों को होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी


संस्था में ऐसे पशुओं का भरण-पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल राज्य सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजना में प्रदान की जाने वाली सहायता से उस संस्था द्वारा प्रदान की जायेगी। राज्य सरकार की इस व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं के कारण कृषि फसलों को होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। साथ ही ग्रामीण सड़कों पर 
मोटर चालकों और पैदल चलने वालों के साथ ऐसे जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या कम हो जाएगी
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