अहमदाबाद : भादरवी पूनम के मेला बाद अंबाजी में होगा विशेष समारोह

अहमदाबाद : भादरवी पूनम के मेला बाद अंबाजी में होगा विशेष समारोह

यात्राधाम अंबाजी में भादरवी पूनम मेले के बाद एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया है

यात्राधाम अंबाजी में भादरवी पूनम मेले के बाद एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया है। मेले के बाद मंदिर की पवित्रता को शुद्ध करने के लिए पूरे परिसर की सफाई की जाती है। इस विधि को प्रक्षालन विधि कहा जाता है। इसलिए 13 सितंबर मंगलवार को मंदिर में ही शुद्धिकरण समारोह होगा, जिसके बाद दोपहर में मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया जाएगा। जिसमें अंबाजी के मंदिर के गोख सहित पूरे मंदिर परिसर की सफाई की जाती है। इस विधि में अंबाजी मंदिर परिसर को नदियों के पानी से धोया जाता है। माताजी के सोने और चांदी के आभूषणों को मंदिर के पवित्र जल में धोया जाता है।

पक्षालन विधि क्या है?


अंबाजी मंदिर में प्रक्षालनविधि वर्ष में एक बार भादरवी पूनम के बाद चौथे दिन की जाती है। भादरवी पूनम के दौरान हजारों तीर्थयात्री अंबाजी मंदिर जाते हैं। जिसमें कई तीर्थयात्री रास्ते में शौचालय आदि कर सीधे मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। इसमें मंदिर की पवित्रता नहीं बनी रहती है। भादरवी पूनम के चौथे दिन, मंदिर गोख सहित पूरे मंदिर परिसर को नदी के पानी से धोया जाता है। माताजी के विभिन्न श्रृंगार के साथ-साथ सभी पूजा सामग्री की सफाई की जाती है, जिसे प्रक्षालन विधि कहा जाता है। इस बार इस शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए मंगलवार, 13 सितंबर को माताजी के राजभोग के बाद तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर पूरी तरह से बंद रहेगा। शुद्धिकरण समारोह के बाद, नैवेद्य चढ़ाकर मंदिर को फिर से खोल दिया जाएगा। मंदिर में दर्शन आरती 14 सितंबर से रोज की तरह होगी।
अंबाजी मंदिर के महाराज देवांग ठाकर ने कहा कि शुद्धिकरण के दिन दोपहर 1.30 बजे तक मंदिर खुला रहेगा और उसके बाद तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और मंदिर का शुद्धिकरण समारोह पूरा होने के बाद शाम की आरती की जाएगी। रात 9 बजे और अगले दिन से तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे।

पक्षालन के दिन मंदिर में दर्शन का समय


सुबह के दर्शन 7.30 से 11.30 बजे तक, दोपहर के दर्शन 12.30 से 1.30 बजे तक ही होंगे। शाम की आरती पक्षालन की विधि पूरी होने के बाद रात्रि 9 बजे श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे के बाद मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।  मंगलवार को गर्भगृह सहित मंदिर का शुद्धिकरण होगा। यह समारोह भादरवी पूनम का मेला पूरा होने के बाद ही होता है। जिसमें मंदिर में रखा श्री यंत्र को इसी दिन बाहर लाया जाता है। इसलिए इस अनुष्ठान का महत्व कई गुना है। यह अनुष्ठान दोपहर एक बजे के बाद शुरू होता है। इसलिए दोपहर 1 बजे से पक्षालन समारोह के लिए मंदिर को बंद कर दिया जाएगा। रात्रि 9 बजे संध्या आरती की जाएगी।

7 नदियों के पानी से धोया जाता है मंदिर


यह विधि सिद्धपुर के ब्राह्मणों द्वारा शास्त्रोक्त मंत्रों के माध्यम से किया जाता है। मां अम्बा के गर्भगृह सहित सोने और चांदी के आभूषणों को गंगा एवं सरस्वती के जल सहित सात नदियों के पवित्र जल से धोया जाता है। शुद्धिकरण के लिए सात नदियों का पानी लाया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में इसे माताजी के मंदिर में स्थापित किया जाता है।


पक्षालन अनुष्ठान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है


शुद्धिकरण समारोह में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पूरे गुजरात से अंबाजी पहुंचते हैं, जिससे धार्मिक माहौल बनता है। ऐसा कहा जाता है कि शुद्धि अनुष्ठान करने से कई गुना पुण्य मिलता है। इसलिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अनुष्ठान में शामिल होने और इस अवसर का लाभ लेने के लिए आते हैं। 
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