अहमदाबाद : जानें जज महोदय को क्यों कहना पड़ा, 'चांद पर जाना आसान है, लेकिन सरकार की जीएसटी पॉलिसी समझना मुश्किल!'

अहमदाबाद : जानें जज महोदय को क्यों कहना पड़ा, 'चांद पर जाना आसान है, लेकिन सरकार की जीएसटी पॉलिसी समझना मुश्किल!'

जीएसटी से जुड़े एक केस में गुजरात हाईकोर्ट ने एक व्यंग करते हुये केंद्र सरकार की जीएसटी नीति को समझने में काफी कठिन करार दिया है। अपने व्यंग में सरकार द्वारा कहा गया कि मनुष्य के लिए चाँद पर जाना आसान है, हालांकि सरकार की जीएसटी नीति को समझना कठिन है। हाईकोर्ट द्वारा यह व्यंग गांधीनगर की एक ट्रेडिंग फर्म कंपनी के 21 लाख की इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले की सुनवाई के दौरान किया गया था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस निशा ठाकोर की बैंच गांधीनगर की एक ट्रेडिंग फर्म द्वारा की गई पिटीशन की सुनवाई के लिए बैठी थी। फर्म का कहना था की साल 2017 में जब जीएसटी का कानून आया, उसके पहले कंपनी की 21 लाख रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट जमा है। जो की उन्हें रिफ़ंड मिलनी चाहिए। हालांकि जीएसटी की विभिन्न नियमों के कारण वह अभी तक उन्हें नहीं मिल रही है। यही नहीं वह अभी भी जीएसटी - 6 रिटर्न भरने में भी असमर्थ है।  
(Photo: gujarathighcourt.nic.in)
हाईकोर्ट द्वारा फरियादी फर्म की इस समस्या के बारे में सेंट्रल जीएसटी विभाग को जब प्रश किए गए तो प्रत्युत्तर में अधिकारी ने कहा कि शिकायतकरता की 21 लाख की टैक्स क्रेडिट उसे मिलने पात्र नहीं है। क्योंकि वह इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूयटर है, कोई रजिस्टर्ड वेंडर नहीं। ऐसे में उसे टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकती। इस दलील को सुनकर कोर्ट ने व्यंग करते हुये कहा कि यदि कोई उन्हें चाँद पर जाने के लिए कहे तो वह एक बार अवश्य प्रयत्न करेंगे। पर सरकार कि जीएसटी के बारे में समझना काफी कठिन है।
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