अहमदाबादः मरीज की व्यथा सुनकर युवक ने अपनी निजी कार को एंबुलेंस में बदल दिया

लोग प्रवीण परमार की इस सेवा की तारीफ भी कर रहे हैं

राज्य में अप्रैल माह में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा था. तो वहीं दूसरी ओर लोगों को अस्पताल में इलाज कराने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे मामले भी सामने आये हैं जब एम्बूलेंस भी नहीं मिलता था। तभी कुछ ऐसे समाजसेवी  भी सामने आये जिन्होंने  अपनी निजी कारों को एम्बुलेंस में परिवर्तित कर दिया हैं। ऐसा ही एक मामला अहमदाबाद में सामने आया है। जिसमें नरोडा के एक युवक ने अपनी स्कॉर्पियो कार को नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा के रूप में समर्पित किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवीण परमार नाम का युवक अहमदाबाद के नरोडा इलाके में रहता है। मृतक के अंतिम संस्कार के लिए प्रवीण परमार नि:शुल्क उपलब्ध करा रहे हैं और यह सेवा शिव शक्ति समूह द्वारा की जा रही है। प्रवीण परमार ने कोरोना महामारी के बीच नेक काम किया है और अपने निजी कार को एम्बुलेंस में तब्दील कर दिया है।
प्राइवेट एंबुलेंस में तब्दील होने का कारण यह था कि मरीजों को एंबुलेंस के लिए  इंतजार करना पड़ता था और कई बार बिना एंबुलेंस के मरीजों को रिक्शा से अस्पताल ले जाने की बारी आती थी। दूसरी ओर, एम्बुलेंस संचालक अस्पताल में लंबी लाइनों में खड़े होने के लिए मरीजों से हजारों रुपये वसूल रहे थे। प्रवीण परमार के एक रिश्तेदार के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया और इसीलिए उन्होंने अपनी स्कॉर्पियो कार को एम्बुलेंस में बदलने का फैसला किया।
उन्होंने स्कॉर्पियो कार  एम्बुलेंस में परिवर्तित करके मुफ्त सेवा प्रदान करने का निर्णय लिया है और अब  स्कॉर्पियो कार एम्बुलेंस के रूप में मरीज को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रही है। दूसरी ओर, श्मशान में अंतिम संस्कार हरी (बिना सुखी) लकड़ी से किये जाने के कारण प्रवीण परमार  ने सूखी लकड़ी दान में दी। लोग प्रवीण परमार की इस सेवा की तारीफ भी कर रहे हैं।
प्रवीण परमार का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच उनके एक दोस्त के परिजन की कोरोना महामारी के बीच मौत हो गई। जब उन्हें श्मशान ले जाया गया तो पता चला कि प्राइवेट शववाहिनी और निजी एंबुलेंस हजारों रुपये ऐंठ रहे हैं और लोगों को 108 एमबलेंस भी जरुरत के समय नहीं मिल रहे हैं। यही कारण है कि प्रवीण परमार ने अपनी स्कॉर्पियो कार को एम्बुलेंस में बदलने का फैसला किया और अब वह मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपनी कार का इस्तेमाल करेंगे।
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