अहमदाबाद : गुजरात के पास ग्रीन शिप रिसाइकलिंग का हब बनने के लिए पर्याप्त पोटेंशियल : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

अहमदाबाद : गुजरात के पास ग्रीन शिप रिसाइकलिंग का हब बनने के लिए पर्याप्त पोटेंशियल : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात में ग्रीन शिप रिसाइकलिंग क्षेत्र में नए स्टैंडर्ड सेट करने का निश्चय

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गुजरात के पास ग्रीन शिप रिसाइकलिंग का हब बनने के लिए पर्याप्त पोटेंशियल है। उन्होंने कहा है कि गुजरात का ग्रीन शिप रिसाइकिलंग क्षेत्र में नए स्टैंडर्ड सेट करने का निश्चय है। श्री पटेल सोमवार को गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल सेमिनार ऑन शिप रिसाइकलिंग एंड व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी’ में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
भारत सरकार के बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग (शिपिंग, पोर्ट्स एंड वॉटरवेज़) मंत्रालय, गुजरात समुद्र तटवर्ती मंडल (गुजरात मैरिटाइम बोर्ड यानी जीएमबी) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल परिसंघ (फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी फ़िक्की) द्वारा यह सेमिनार गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित किया गया।

मैरिटाइम सेक्टर में गुजरात का उज्ज्वल व सुदीर्घ इतिहास रहा


सेमिनार में केन्द्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्य के शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीतूभाई वाघाणी और नॉर्वे व डेनमार्क जैसे राष्ट्रों एवं भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि इस अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद में सहभागी हुए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि गुजरात में देश का सबसे लंबा 1600 किलोमीटर समुद्री किनारा है। इतना ही नहीं, मैरिटाइम सेक्टर में प्राचीनकाल से वर्तमान तक गुजरात का उज्ज्वल व सुदीर्घ इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में गुजरात पोर्ट-लेड डेवलपमेंट (बंदरगाह-आधारित विकास) के मार्ग पर आगे बढ़ा है। देश का 40 प्रतिशत से अधिक कारगो गुजरात के बंदरगाहों से संचालित किया जाता है। उन्होंने गौरवपूर्वक उल्लेख किया कि 1 मेजर तथा 48 नॉन-मेजर पोर्ट्स वाले गुजरात में नॉन-मेजर पोर्ट्स से पिछले 21-22 वर्षों में 405 मिलियन मैट्रिक टन कारगो परिवहन हुआ है। 
दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल सेमिनार ऑन शिप रिसाइकलिंग एंड व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी’ में अनेक मंत्रीगण मौजूद रहे

अब शिप रिसाइकलिंग एवं ग्रीन शिप रिसाइकलिंग का समय


मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सुगठित इन्फ़्रास्ट्रक्चर एवं कनेक्टिविटी के परिणामस्वरूप लीड्स इंडेक्स में गुजरात तीन वर्षों से प्रथम स्थान पर रहा है। इसके अतिरिक्त पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान में भी गुजरात उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। देश के ग्रोथ इंजन गुजरात में शिप रिसाइकलिंग उद्योगों को विकसित होने का पूरा अवसर मिलने की संभावना रही हुई है। उन्होंने कहा कि पहले शिप ब्रेकिंग का ज़माना था, परंतु अब शिप रिसाइकलिंग एवं ग्रीन शिप रिसाइकलिंग का समय है। प्रधानमंत्री ने इससे सुसंगत शिप रिसाइकलिंग एक्ट 2019 बना कर देश में ग्रीन शिप रिसाइकलिंग उद्योग के द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शिप ब्रेकिंग व रिसाइकलिंग क्षेत्र में गुजरात के अलंग का दबदबा है, उसी प्रकार ग्रीन शिप रिसाइकलिंग में भी अलंग अग्रसर रहेगा। मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल ने कहा कि शिप से निकलने वाला जोखिमकारी एवं बिना जोखिमकारी वेस्ट पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य तथा समुद्री जीव सृष्टि को हानि पहुँचा सकता है। ऐसी हानि को रोकने तथा सेफ़ एंड सस्टेनेबल शिप रिसाइकलिंग के लिए गुजरात मैरिटाइम बोर्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को सज्ज है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने अलंग को ऊँचे दर्ज़े का ग्रीन शिप रिसाइकलिंग सेंटर बनाने के लिए कमर कसी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना कर देश ने अमृतकाल में प्रवेश किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अमृतकाल भारत के शिप रिसाइकलिंग तथा व्हीकल स्क्रैपिंग उद्योगों के विकास का अमृतकाल बनेगा और इसमें यह इंटरनेशनल सेमिनार उद्दीपक सिद्ध होगा।

गुजरात भारत की समुद्री सफलता की गाथा के ध्वजधारक के रूप में उभर कर आया :  सर्बानंद सोनोवाल


केन्द्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन तथा जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़नरी नेतृत्व व मार्गदर्शन में भारत ने विश्व में विशिष्ट पहचान स्थापित की है। ऐसे में हम सभी देशवासी टीम इंडिया बन कर सामूहिक-संयुक्त प्रयास करेंगे, तो भारत निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ बनेगा। श्री सोनोवाल ने इस सेमिनार के आयोजन के लिए टीम गुजरात को अभिनंदन देते हुए कहा कि गुजरात 1600 किलोमीटर लम्बे समुद्री किनारे के साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भारत का गेट-वे है और गुजरात अब विश्व के चयनित समुद्री स्थानों में से एक है। वह भारत का 40 प्रतिशत कारगो परिवहन संचालित करता है। 

गुजरात 1600 किलोमीटर लम्बे समुद्री किनारे के साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भारत का गेट-वे 


गुजरात बंदरगाह-आधारित व्यापार मार्गों एवं विश्व के मुख्य व्यापारिक केन्द्रों के साथ बेहतर रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस प्रकार गुजरात विशाल अंतरराष्ट्रीय व्यापार अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर अपने रणनीतिक-भौगोलिक स्थान के आधार पर तथा पॉलिसीज़ व इनिशिएटिव और सुदृढ़ औद्योगिक व सपोर्ट इन्फ़्रास्ट्रक्चर के कारण गुजरात भारत की समुद्री सफलता की गाथा के ध्वजधारक के रूप में उभर कर आया है।
उन्होंने कहा कि सागरमाला प्रोजेक्ट बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय का फ़्लैगशिप कार्यक्रम है। पिछले सात वर्षों में सागरमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत अनेक नई पहलें केन्द्र सरकार ने की हैं, जिनमें इन्फ़्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण द्वारा पोर्ट क्षमता बढ़ाने और पोर्ट क़्वॉलिटी बढ़ाने के लिए बंदरगाहों का समेकित ऑपरेशन ख़र्च घटाने, वाहनटर्न अराउंट समय घटाने, कार्यक्षमता व थ्रूपुट घटाने में सहाता मिली है। बड़े जहाज़ों को हैंडल करने की क्षमता और दक्षिण एशियाई प्रदेश में भारतीय बंदरगाहों के रणनीतिक महत्व को विकसित करने जैसे क़दमों के परिणामस्वरूप वर्ष 2021-22 में 400 अरब डॉलर कारगो निर्यात के साथ रिकॉर्ड स्थापित किया गया है।
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