अहमदाबाद : आवारा मवेशियों को लेकर अहमदाबाद नगर निगम ने लिया बड़ा फैसला, दुधारू और गर्भवती जानवरों को करेंगे रिहा

अहमदाबाद : आवारा मवेशियों को लेकर अहमदाबाद नगर निगम ने लिया बड़ा फैसला, दुधारू और गर्भवती जानवरों को करेंगे रिहा

हाईकोर्ट द्वारा एएसएम को दिए गये 90 दिनों तक आवारा पशुओं को न छोड़ने के आदेश के सामने लिया गया ये फैसला

हर के सडकों पर घूम रहे आवारा पशुओं के आतंक के बीच अहमदाबाद नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है। व्यवस्था द्वारा दुधारू एवं गर्भवती पशुओं को छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सभी अधिकार नगर आयुक्त को दे दिए गए हैं। नए साल से पहले हुई स्थायी समिति की बैठक में मालधारी समाज के पक्ष में फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि इस फैसले से मालधारी समाज के लोगों में खुशी देखी जा सकती है। दुधारू और गर्भवती मवेशियों को छोड़ने का फैसला स्वागत योग्य है। लेकिन एएमसी के इस फैसले के पीछे क्या कारण हैं, यह एक सवाल है।
 

स्थायी समिति की बैठक में लिया गया फैसला

 
आपको बता दें कि एएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेशभाई बरोट ने कहा कि नए साल के लिए एएमसी की स्थायी समिति की बैठक में पेश किए गए कार्यों में गर्भवती गायों और दुधारू गायों को निगम से भटकते हुए मवेशियों के बीच छोड़ने का निर्णय लिया गया है। अपने बच्चों को दूध पिलाने वाले जानवरों में, यदि उनके शरीर से दूध नहीं निकाला जाता है, तो यह घातक होने की संभावना है। ऐसे में नगर आयुक्त से कानूनी राय प्राप्त कर मानवीय आधार पर 5,000 रुपये प्रति पशु दंड लेकर उन्हें रिहा किये जाने तथा आगे की अनुषंगी कार्यवाही करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
 

मालधारी समाज के नेताओं ने किया फैसले का स्वागत

 
फिलहाल हाई कोर्ट की ओर से आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद तीन महीने तक रिहा नहीं करने का आदेश है। फिर आयुक्त से कानूनी राय लेने और अंतिम निर्णय लेने का आग्रह किया गया है। आगे एएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेशभाई बरोट ने कहा कि अगर जानवर फिर से घूमते हुए देखा गया तो पशु मालिक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। यह फैसला सिर्फ मानवीय आधार पर और जानवरों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मालधारी समुदाय के नेता एएमसी कार्यालय पहुंचे और एएमसी के फैसले का स्वागत किया।
 

चुनाव के मद्देनजर लिया गया फैसला?

 
गौरतलब है कि अहमदाबाद महानगर पालिका के पशुशाला में 4 हजार से अधिक मवेशी हैं। जिसमें से 25 प्रतिशत दुधारू और गर्भवती जानवर हैं जिन्हें रिहा करने का निर्णय लिया गया है। शहर में आवारा पशुओं पर हाईकोर्ट लगातार कार्रवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने एएसएम को सख्त कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। 90 दिनों तक आवारा पशुओं को न छोड़ने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन यहां कहा जा रहा है कि एएमसी मालधारी का फैसला सामाजिक भावनाओं और मांगों के आधार पर किया गया है। दूसरी ओर, ऐसी अफवाहें हैं कि चुनाव से संबंधित निर्णय लिया गया है।
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