अहमदाबाद : ऐसे दोस्तों से बेहतर दुश्मन, युवक की मौत के बाद दोस्त ने हड़पे बीमा के 15 लाख रूपये

बेटे की मौत के बाद पिता ने मांगी बेटे के दोस्त से मदद, मदद के बहाने हड़पे 15 लाख रूपये

ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में उससे बदनसीब और कोई नहीं जिसका मित्र दगाबाज हो! दोस्ती की मिसाल के लिए बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी हैं जहां कुछ लोग दोस्ती के नाम पर कलंक साबित होते हैं। ऐसा ही एक मामला अहमदाबाद में देखने को मिला। युवक की मौत के बाद उसके पिता ने मृतक के दोस्त की मदद मांगी। बीमा के पैसे के मामले में अपने मित्र के पिता की मदद करने के बजाय युवक ने धोखाधड़ी की है। इसको लेकर मृतक के पिता ने अपने बेटे के दोस्त के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?


शहर के वटवा इलाके में रहने वाले सुनील`कुमार राठौर दर्जी का काम करते हैं। उनकी एक बेटी और एक बेटा अल्पेश है। अल्पेश की 15 जनवरी 2022 को एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। अल्पेश का श्रीराम फाइनेंस कंपनी में दुर्घटना बीमा लिया गया था। अल्पेश की मृत्यु के बाद, बीमा के पैसों के लिए सुनीलकुमार ने अल्पेश के दोस्त पीयूष गोधा पर भरोसा करते हुए 15 लाख लेने के लिए बैंक खाता खोलने भेजा। उसके बाद पीयूष ने वह दस्तावेज दिया जो वह बीमा के लिए बैंक में ले गया था और खाता खुलवाया। जिसका सुनीलकुमार को पता नहीं था।

दोस्त ने इस तरह शुरू की धोखाधड़ी


दो महीने बाद पीयूष ने सुनील कुमार को बताया कि 15 लाख का बीमा पास हो चुका है। इसलिए सुनीलकुमार फाइनेंस से 15 लाख का चेक लेकर आए। तब पीयूष ने कहा कि इस चेक को तीन अलग-अलग नामों में बांटा जाएगा और फिर पैसा मिल जाएगा। तो बाद में पीयूष इसी चेक को लेकर ऑफिस गया। पांच महीने बाद पीयूष अपने दोस्त के नाम का पांच लाख का डीडी लेकर आया और सुनील कुमार ने पांच लाख रुपये बैंक में जमा करा दिए। उसके बाद एक महीने तक सुनील कुमार को दूसरा चेक नहीं मिला और उन्होंने पीयूष को फोन किया तो पीयूष ने कहा कि अभी बीमा के पैसे नहीं आए हैं।

ऐसे पकड़ा गया चोरी


कुछ देर बाद पीयूष सुनील कुमार के घर आया और पत्नी के नाम पांच लाख के चेक के लिए एक फॉर्म भरा। इस चेक के अलावा एक और चेक सुनील कुमार की बेटी के नाम आना था। दो महीने से बीमा के 10 लाख नहीं आने पर श्रीराम फाइनेंस में सुनीलकुमार ने चेक किया तो मैनेजर ने कहा कि बीमा के 15 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है और बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया है। जब सुनीलकुमार ने बताया कि उनका एक्सिस बैंक में खाता नहीं है तो जांच के दौरान मैनेजर द्वारा पता चला कि पीयूष ही बीमा के लिए 15 लाख का चेक ले लिया था।'' कुछ मिनट बाद सुनीलकुमार पीयूष को कॉल कर रहे थे और पीयूष का फोन स्विच ऑफ था।

15 लाख के बदले खाते में मात्र 66 रूपये


अगले दिन सुनील कुमार बैंक की शाखा में गए तो पता चला कि खाते में 66 रुपये ही हैं। तो पीयूष ने सुनील कुमार की जानकारी के बिना एक्सिस बैंक में एक खाता खोला और उस खाते में अपना मोबाइल नंबर दर्ज किया और बिना उसकी जानकारी के बीमा के 15 लाख निकाल लिए और उसे केवल पांच लाख रुपये दिए और दस लाख ले लिए। इतना ही नहीं 1,92,000 की एफडी की आईडी, जो दूसरे बैंक खाते में जमा की गई थी, पीयूष के पास है, जिसने इसका हिसाब न देकर उनके साथ धोखाधड़ी की। ऐसे में लाखों रुपये की ठगी करने वाले पीयूष के खिलाफ शिकायत दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।