आखिर क्यों लग रही है इलेक्ट्रिक व्हिकल्स में आग, जानें बचने के उपाय

आखिर क्यों लग रही है इलेक्ट्रिक व्हिकल्स में आग, जानें बचने के उपाय

कुछ ही समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता को लेकर दिशानिर्देश जारी किए जाएँगे, नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को किया जाएगा भारी दंड

देश में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लाग्ने की कई घटनाओं के बाद मार्ग परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस तरह के मामलों की जांच करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हानोन की गुणवत्ताओं को लेकर कुछ ही समय में उचित दिशानिर्देश भी जारी किए जाएँगे। नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 2 महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की कई घटनाएँ सामने आई है। ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह के मामलों कि जांच करने के लिए और उचित कदम उठाने के लिए एक्सपर्ट कमिटी कि रचना की गई है।
निटिंग गडकरी ने लिखा कि, एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट मिलने के बाद नियमों का पालन न करने वाली कंपनियों पर नियमों के उल्लंघन के लिए दंड लगाया हाएगा। इसके अलावा आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता को लेकर विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए जाएँगे। कंपनियों द्वारा नियमों के उल्लंघन पर उन्हें डिफ़ेक्टिव स्कूटर वापिस भी लाने पड़ेंगे। 
प्रतिकात्मक तस्वीर
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। ओकिनावा डीलरशिप में हुई दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में कहा गया कि आग इमारत में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी और यह स्कूटर की बैटरी के कारण नहीं थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद कंपनी ने अपने 3,215 Prez Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर को वापस मंगा लिया। यह पहला मौका है जब देश में किसी इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता ने दुर्घटना के बाद अपने स्कूटर को वापस मंगाया हो। एक रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक बैटरी पैक में अनियंत्रित आग को थर्मल रनवे कहा जाता है। लिथियम आयन बैटरी कम तापमान में अच्छी तरह से काम करती है जबकि उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में बैटरी पैक का तापमान 90 से 100 डिग्री तक बढ़ सकता है जिससे आग लगने का खतरा बढ़ सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मेलबर्न स्थित ईवी फायरसेफ की परियोजना निदेशक एम्मा सटक्लिफ का कहना है कि लिथियम-आयन बैटरियों में आग लगने पर उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है क्योंकि वे तेजी से और अधिक गर्मी के साथ जलती हैं और उन्हें नियंत्रित करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बैटरी पैक में प्लास्टिक कैबिनेट का इस्तेमाल होता है, जो गर्मी के कारण पिघलता हुआ प्रतीत होता है। ऐसा होने पर इसके अंदर का सर्किट पिघलने लगता है और आग लगने का खतरा रहता है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए सरकार द्वारा लागू नियमों के मुताबिक ऐसा कोई भी सॉकेट आउटलेट जमीन से कम से कम 800 मिमी ऊपर होना चाहिए।
- कनेक्टर को वाहन से जोड़ने के लिए किसी एडॉप्टर या एक्सटेंशन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- ओकिनावा और प्योर ईवी लिथियम आयन बैटरी को सुरक्षा नियमों के अनुसार कमरे के तापमान पर रखा जाना चाहिए।
- स्कूटर को इस्तेमाल के बाद कम से कम 45 मिनट तक चार्ज नहीं करना चाहिए।
- बैटरी को धूप में चार्ज न करें। इसे गीले कपड़े या सॉल्वेंट या क्लीनर से साफ न करें।
- बैटरी चार्ज करते समय चार्जर को बैटरी के ऊपर न रखें।
- स्कूटर धोते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें बैटरी न हो और बैटरी का स्पेस सूख जाने के बाद ही बैटरी लगाएं।
- बैटरी को 5 घंटे से ज्यादा चार्ज न करें।
- बैटरी के डिस्चार्ज या क्षतिग्रस्त होने पर उसे चार्ज न करें।