क्या 68 साल बाद सरकार से अपनी ही कंपनी फिर से खरीदेंगी TATA, जानें एयर इंडिया का रसप्रद इतिहास

क्या 68 साल बाद सरकार से अपनी ही कंपनी फिर से खरीदेंगी TATA, जानें एयर इंडिया का रसप्रद इतिहास

आजादी के बाद वायु नियम अधिनियम के तहत सरकार ने खरीद लिए थे टाटा संस के एयरलाइन का स्वामित्व

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा समूह ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को खरीद लिया है। दिलचस्प बात यह है कि टाटा समूह ने 68 साल बाद अपनी खुद की एयरलाइन फिर से हासिल कर ली है।
एयर इंडिया की स्थापना 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के रूप में हुई थी। बाद में इसका नाम बदलकर टाटा एयरलाइंस कर दिया गया। एयरलाइन की शुरुआत भारतीय कारोबारी जगत के दिग्गज जेआरडी टाटा ने की थी। अप्रैल 1932 में, टाटा ने इंपीरियल एयरवेज को मेल डिलीवर करने का ठेका जीता।
इसके बाद उन्होंने दो एकल इंजन वाले विमानों के साथ अपना खुद का विमानन विभाग स्थापित किया। 15 अक्टूबर, 1932 को टाटा ने कराची से बॉम्बे के लिए एक डाक विमान उड़ाया। विमान ने मद्रास के लिए भी उड़ान भरी थी। इस विमान को ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के नेविल विन्सेंट द्वारा संचालित किया गया था। नेविल विन्सेंट टाटा के मित्र भी थे। कंपनी ने शुरुआत में एक एयरमेल सेवा संचालित की थी। कराची, मद्रास, बॉम्बे और अहमदाबाद के लिए हवाई जहाज से डाक पहुंचाई गई। पहले वर्ष में, एयरलाइन ने 155 यात्रियों को हवाई यात्रा करवाई और 9.72 टन वजन वाले मेल वितरित किए। कंपनी का पहले साल का मुनाफा 60,000 रुपये था।
एयरलाइन ने बॉम्बे और त्रिवेंद्रम के बीच 6 सीटों वाले विमान के साथ पहली यात्री उड़ान शुरू की। 1938 में कंपनी का नाम बदलकर टाटा एयरलाइंस कर दिया गया। इसके मार्ग में कोलंबो और दिल्ली शामिल थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, टाटा एयरलाइंस ने सैनिकों को तैनात करने, आपूर्ति पहुंचाने और शरणार्थियों को बचाने में रॉयल एयर फोर्स की सहायता भी की थी।
स्वतंत्रता के बाद, सरकार ने 1953 में वायु निगम अधिनियम पारित किया। टाटा संस की एयरलाइन का स्वामित्व सरकार ने खरीद लिया। हालांकि, जेआरडी टाटा को 1977 तक अध्यक्ष के रूप में बरकरार रखा गया था। सरकार द्वारा कंपनी का नाम बदलकर एयर इंडिया इंटरनेशनल कर दिया गया। 21 फरवरी 1960 को एयर इंडिया ने बोइंग 707-420 को अपने बेड़े में शामिल किया। एयरलाइन ने उसी वर्ष न्यूयॉर्क के लिए उड़ानें शुरू कीं। 1962 में एयरलाइन का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया गया।
हालांकि मीडिया में चल रही इन खबरों के बीच सरकार ने यह सफाई दी के इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट ने बोली लगाई थी। निवेश और लोक संपाती प्रबंधन विभाग के सचिव ने इस बारे में ट्वीट कर बताया कि मीडिया में जो खबरे चल रही है वह गलत है। सरकार द्वारा जब इस बारे में निर्णय लिया जाएगा, इसकी जानकारी दी जाएगी।