अफगानिस्तान : अपने लोगों को देश वापस लाने में लगी है सरकार, काबुल से 290 लोगों को लेकर भारत आ रहा सी-17

अफगानिस्तान : अपने लोगों को देश वापस लाने में लगी है सरकार, काबुल से 290 लोगों को लेकर भारत आ रहा सी-17

इन 290 लोगों में 220 भारतीय और 70 अफगान नागरिक शामिल

अफगानिस्तान में तालिबान के आ जाने के बाद से हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे है। तालिबान ने अफगानिस्तान को कब्ज़े में लेकर शरीया कानून लागू कर दिया है। अफगानिस्तान में तालिबान के पूर्ण नियंत्रण के बाद से यह सबसे खराब स्थिति एयरपोर्ट पर देखने को मिल रही है।इस बीच भारत सरकार अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने की कार्रवाई में जुटी है और उन्हें वापस लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अफगानिस्तान से काबुल से आ रहा भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान आज गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर सकता है।
पता चला है कि इस बार अफगानिस्तान में फंसे 290 लोगों को सी-17 विमान से भारत लाया जा सकता है। इन 290 लोगों में 220 भारतीय और 70 अफगान नागरिक शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि इसमें कुछ सिख भी शामिल थे। वह अफगानिस्तान का एक सिख है जिसने भारत सरकार से उसे निष्कासित करने की अपील की थी। सूत्रों ने बताया कि कुछ अफगान सांसद भी इस बार ऑपरेशन एयरलिफ्ट 2 में भारत आ सकते हैं। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि विमान हिंडन एयरबेस पर कब उतरेगा। लेकिन यहां के लोगों को लेने के लिए सुबह तड़के 5 बसें हिंडन एयरबेस पहुंच चुकी हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कार्रवाई में लगी हुई है। इसके लिए अफगानिस्तान में रहने वाले सभी भारतीयों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है और हेल्पलाइन नंबर से लगातार 24 घंटे विवरण लिया जा रहा है। विदेश मंत्रालय का अफगान प्रकोष्ठ 24 घंटे सक्रिय है और फोन या ईमेल द्वारा संपर्क किया जा सकता है।
अफगान प्रकोष्ठ 16 अगस्त से लगातार काम कर रहा है और वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। काबुल में भारतीय दूतावास से सभी भारतीय कर्मचारी स्वदेश लौट आए हैं और दूतावास में वर्तमान में 35-40 स्थानीय लोगों का स्टाफ है। हालाँकि, अफगानिस्तान में भारतीयों की कुल संख्या ज्ञात नहीं है, लेकिन अनुमान है कि 400 से 500 भारतीय हैं। हवाईअड्डे पर पहुंचे सभी भारतीयों के लिए वायुसेना का अभियान जारी है। अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों से संपर्क किया जा रहा है और दूरदराज के इलाकों में भी संकट की खबरें आ रही हैं। अफगानिस्तान के पड़ोसियों से भी उड़ानों की व्यवस्था की जा रही है और ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए भारत सभी सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में है।