सूरत से डीजीवीसीएल के 480 कर्मचारियों की 39 टीमें पहुंची सौराष्ट्र

सूरत से डीजीवीसीएल के 480 कर्मचारियों की 39 टीमें पहुंची सौराष्ट्र

तौकते चक्रवात से प्रभावित सौराष्ट्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सूरत से डीजीवीसीएल के कर्मचारी रो -रो फेरी सर्विस से रवाना हुए।

चक्रवात प्रभावित तटीय क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने रोपेक्ष फेरी से रवाना हुए
 तौकते चक्रवात से गुजरात के तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। तेज हवा और भारी बारिश के कारण सौराष्ट्र के कई इलाकों खासकर भावनगर, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले में आज भी बिजली आपूर्ति ठप है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर चल है। इस और तेज करने के लिए दक्षिण गुजरात से बिजली विभाग के कर्मचारियों को बुलाया गया है। सौराष्ट्र के प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए आज रोपेक्ष फेरी सर्विस के मार्फत 480 कर्मचारियों की 39 टीमें भावनगर के घोघा पहुंच गईं। भावनगर पहुंची इन टीमों में दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी लिमिटेड के 380 और निजी कंपनी के 100 समेत कुल 480 कर्मचारी आवश्यक साधन और वाहनों के साथ भावनगर और अमरेली के अलग अलग इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल करने की कार्यवाही करेगी। दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी के डिप्टी इंजीनियर अतुल नाकराणी ने बताया कि चक्रवात से प्रभावित भावनगर जिले के लिए हमारी टीम 24 घंटे काम कर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास कर रही है। वलसाड, भरुच, सूरत शहर और सूरत ग्रामीण इलाकों के विभिन्न सब स्टेशनों, पावर सेक्शन से इंजीनियरों समेत 480 कर्मचारियों को सौराष्ट्र भेजा गया है। टीम के साथ 23 वाहन और 6 ट्रैक्टर भी सौराष्ट्र भेजे गए हैं। भावनगर जिले के एक्जिक्युटिव इंजीनियर एमएम पंड्या ने बताया कि जिले में हमारी टीमें लगातार कार्यरत हैं। जिले में कुल 10400 जितने बिजली के खंभे गिर गए हैं या डैमेज हुएहैं। 467 फीडर को भी नुकसान हुआ है। जिसकी वजह से 575 गांवों में बिजली गुल हो गई है। महुवा शहर में भी तेज हवा के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। भावनगर शहर में 65 जगहों पर चक्रवात से भारी नुकसान हुआ है। बिजली विभाग के कर्मचारी दिन-रात कार्य कर बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयासों में लगे हुए हैं।
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