स्टेच्यु ऑफ यूनिटी पर आदिवासी महिलाओं को 10 ई-रिक्षा का किया गया लोकार्पण

स्टेच्यु ऑफ यूनिटी पर आदिवासी महिलाओं को 10 ई-रिक्षा का किया गया लोकार्पण

स्थानिक आदिवासियों को स्व-रोजगार देने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम

आज हर क्षेत्र में महिलाओं को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज की महिला मात्र घर का काम नहीं करती, पर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। चाहे विज्ञान हो या राजनीति महिलाएं हर क्षेत्र में विकास के नए कदम बढ़ा रही है। ऐसे में सरकार द्वारा भी महिलाओं को हर कदम पर सहायता की जा रही है। गुजरात सरकार द्वारा केवड़िया कॉलोनी की महिलाओं को इसी प्रयास के तहत ई-रिक्षा दी गई है।
पूरे केवड़िया इलाके को एलेक्ट्रिक व्हिकल जॉन घोषित किया गया है। स्टेच्यु ऑफ यूनिटी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ई-रिक्षा चलनी शुरू हुई है। खास बात यह है की यह ई-रिक्षा महिलाओं द्वारा चलाई जाएगी। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ स्थानिक आदिवासियों को स्व-रोजगार देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए पहले से ही 60 स्थानीय महिलाओं को GMR वन लक्ष्मी फ़ाउंडेशन के द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही थी। 1 महीने की ट्रेनिंग में महिलाओं को थियरी सिखाने के बाद प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी दी गई थी। 
ट्रेनिंग ले रही 60 महिलाओं में से 45 महिलाओं का लायसंस भी आ चुका है। इन 60 महिलाओं के अलावा अन्य 224 लोग भी विभिन्न प्रकार की तालिम ले रहे है। ई-रिक्षा के लोकार्पण के दौरान महिलाओं द्वारा चलाई गई रिक्षा में गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और नवसारी से सांसद सी आर पाटिल ने सवारी की थी। इसके अलावा मजूरा विधानसभा के विधायक हर्ष संघवी भी इस दौरान मौजूद रहे थे। 
रिक्षा चलाने के दौरान महिलाओं के चेहरे पर एक अनोखी खुशी देखने मिली थी। देश को प्रदूषणमुक्त बनाए रखने के साथ ही खुद के पैरों पर खड़े होने की अनोखी खुशी महिलाओं के चेहरे पर देखी जा सकती थी। अभी और भी कई महिलाओं को इस तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है। आशा रखी जा रही है की गुलाबी रंग की इस रिक्षा महिलाओं के जीवन में भी खुशियाँ ही लेकर आएगी और साथ ही केवड़िया कॉलोनी को भी प्रदूषणमुक्त रखने में सहायक रहेगी।

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