विकास दुबे ने एक दिन पहले पुलिसवालों को दी थी धमकी, गांव आए तो उठेंगी लाशें
कानपुर (ईएमएस)। कानपुर की घटना को 100 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन ढाई लाख का इनामी हिस्ट्रीशीटर और इस घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है। इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। चौबेपुर थाने के एक दरोगा केके शर्मा ने इकबालिया बयान में स्वीकार किया है कि एक दिन पहले विकास ने फोन कर कहा था कि अपने थानेदार को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरू गांव से उनकी लाश ही उठेगी। दरोगा का कहना है कि दो जुलाई को शाम चार बजे फोन आया जिसकी उन्होंने तुरंत थानेदार को सूचना दे दी थी। साथ ही यह भी कह दिया था कि उसकी बीट बदल दी जाए। अब वह बिकरू गांव की बीट नहीं देख सकता। इसके बाद बीट दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा (केके शर्मा) को सस्पेंड कर दिया गया था। केके शर्मा ने रविवार को उच्चाधिकारियों को दिए गए बयान में कहा था कि विकास की धमकी की बाद वह डर गए थे। तत्कालीन एसओ विनय तिवारी को भी सूचना दे दी थी। विनय तिवारी ने कहा […]

कानपुर (ईएमएस)। कानपुर की घटना को 100 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन ढाई लाख का इनामी हिस्ट्रीशीटर और इस घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है। इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। चौबेपुर थाने के एक दरोगा केके शर्मा ने इकबालिया बयान में स्वीकार किया है कि एक दिन पहले विकास ने फोन कर कहा था कि अपने थानेदार को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरू गांव से उनकी लाश ही उठेगी।
दरोगा का कहना है कि दो जुलाई को शाम चार बजे फोन आया जिसकी उन्होंने तुरंत थानेदार को सूचना दे दी थी। साथ ही यह भी कह दिया था कि उसकी बीट बदल दी जाए। अब वह बिकरू गांव की बीट नहीं देख सकता। इसके बाद बीट दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा (केके शर्मा) को सस्पेंड कर दिया गया था।
केके शर्मा ने रविवार को उच्चाधिकारियों को दिए गए बयान में कहा था कि विकास की धमकी की बाद वह डर गए थे। तत्कालीन एसओ विनय तिवारी को भी सूचना दे दी थी। विनय तिवारी ने कहा कि चलो इस मामले को बाद में देखेंगे। धमकी के बाद केके शर्मा इस कदर डर गए थे कि विकास के गांव तो दूर, शिवली रोड की तरफ भी नहीं गए। तीन जुलाई की रात मुठभेड़ के लिए तैयार की गई चौबेपुर थाने की टीम में दरोगा केके शर्मा शामिल नहीं रहे। वह दबिश देने से पहले थाने से अपनी रवानगी तातियागंज गश्त पर दिखाकर निकल गए थे। मुठभेड़ के वक्त उनकी लोकेशन तातियागंज में ही पाई गई।
केके शर्मा से पहले दरोगा कुंवर पाल बिकरू बीट देख रहे थे। वह भी विकास की धमकी से सहमे हुए थे। उन्होंने भी बीट छोड़ने की गुजारिश की थी। इसके बाद ही कुंवर पाल को हटाकर केके शर्मा को उस बीट पर लगाया गया था। बीट सिपाही राजीव को भी लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जाता है कि उसे मामले की संवेदनशीलता के बारे में पूरी जानकारी थी, फिर भी उसने उच्चाधिकारियों को कुछ भी नहीं बताया।