जानें राष्ट्र गीत में क्या बदलाव करने की सुब्रमण्यम स्वामी ने की मांग
लीक से हटकर नजरिया रखने वाले जाने-माने राजनीतिज्ञ एवं भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी फिर से एक बार चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्र गीत के शब्दों में बदलाव करने की मांग रखी है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बाद ट्विटर पर भी अपने पत्र को शेयर किया। स्वामी ने अपने पत्र में लिखा कि 1949 की 26 नवंबर को राजेन्द्र प्रसाद ने बिना मतदान के जन गण मन .. को अपना राष्ट्र गीत जाहिर कर दिया था। यह गीत साल 1911 में पहली बार गाया गया था। जिसके बाद से गीत में मौजूद कई जगह और स्थल अब भारत में मौजूद नहीं हैं या उनके नाम बदल गए हैं। My letter to PM Modi on Jana Gana Mana pic.twitter.com/qc1KnLDb2g — Subramanian Swamy (@Swamy39) December 1, 2020 स्वामी ने कहा कि अब ऐसे में गीत के शब्दों में बदलाव करके अब नया गीत तैयार करना चाहिए, जिसे राष्ट्रगीत के तौर पर स्वीकार किया जा सके। हालांकि स्वामी के इस पत्र के अनुसंधान में अब तक किसी राजकीय पक्ष या नेता तरफ से कोई […]

लीक से हटकर नजरिया रखने वाले जाने-माने राजनीतिज्ञ एवं भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी फिर से एक बार चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्र गीत के शब्दों में बदलाव करने की मांग रखी है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बाद ट्विटर पर भी अपने पत्र को शेयर किया।
स्वामी ने अपने पत्र में लिखा कि 1949 की 26 नवंबर को राजेन्द्र प्रसाद ने बिना मतदान के जन गण मन .. को अपना राष्ट्र गीत जाहिर कर दिया था। यह गीत साल 1911 में पहली बार गाया गया था। जिसके बाद से गीत में मौजूद कई जगह और स्थल अब भारत में मौजूद नहीं हैं या उनके नाम बदल गए हैं।
My letter to PM Modi on Jana Gana Mana pic.twitter.com/qc1KnLDb2g
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 1, 2020
स्वामी ने कहा कि अब ऐसे में गीत के शब्दों में बदलाव करके अब नया गीत तैयार करना चाहिए, जिसे राष्ट्रगीत के तौर पर स्वीकार किया जा सके। हालांकि स्वामी के इस पत्र के अनुसंधान में अब तक किसी राजकीय पक्ष या नेता तरफ से कोई भी प्रतिभाव नहीं आया है।