गुजरात : सड़क हादसों में घायलों को मिलेगी अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा
भारत में हर रोज औसत 1200 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं केन्द्र सरकार सडक़ दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए जल्द ही कैशलेस उपचार की सुविधा शुरु करने की योजना बना रही है। इस योजना के अंतर्गत हर केस में अधिकतम सीमा 2.5 लाख रुपए होगी। भारत में हर वर्ष होनेवाले सडक़ दुर्घटना के आंकड़े देखने पर यह योजना काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। देश में हर वर्ष लगभग 5 लाख सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं जो दुनिया में सबसे अधिक है। देश में हर वर्ष सडक़ दुर्घटना में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है जबकि तीन लाख लोग अपंग (घायल)हो जाते हैं। राज्यों के परिवहन सचिवों और कमिश्नरों को भेजे गए पत्र में सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि कैशलेस उपचार की योजना के लिए एक मोटर वाहन दुर्घटना फंड बनाया जाए। सडक़ दुर्घटना फंड की स्थापना गत वर्ष सितम्बर में संसद द्वारा पास किए गए संशोधित मोटर व्हिकल एक्ट की मुख्य व्यवस्थाओं में से एक थी। सडक़ दुर्घटना के पीडि़तों को कैशलेस उपचार देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मजबूत आईटी संरचना का उपयोग किया जाएगा। […]

भारत में हर रोज औसत 1200 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं
केन्द्र सरकार सडक़ दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए जल्द ही कैशलेस उपचार की सुविधा शुरु करने की योजना बना रही है। इस योजना के अंतर्गत हर केस में अधिकतम सीमा 2.5 लाख रुपए होगी। भारत में हर वर्ष होनेवाले सडक़ दुर्घटना के आंकड़े देखने पर यह योजना काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। देश में हर वर्ष लगभग 5 लाख सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं जो दुनिया में सबसे अधिक है।
देश में हर वर्ष सडक़ दुर्घटना में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है जबकि तीन लाख लोग अपंग (घायल)हो जाते हैं। राज्यों के परिवहन सचिवों और कमिश्नरों को भेजे गए पत्र में सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि कैशलेस उपचार की योजना के लिए एक मोटर वाहन दुर्घटना फंड बनाया जाए। सडक़ दुर्घटना फंड की स्थापना गत वर्ष सितम्बर में संसद द्वारा पास किए गए संशोधित मोटर व्हिकल एक्ट की मुख्य व्यवस्थाओं में से एक थी।
सडक़ दुर्घटना के पीडि़तों को कैशलेस उपचार देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मजबूत आईटी संरचना का उपयोग किया जाएगा। परिवहन मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, भारत में हर रोज औसत 1200 सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं और लगभग 400 लोग अपनी जान गंवातेे हैं।
सडक़ दुर्घटना का शिकार बने लोगों के लिए ट्रोमा और हेल्थकेयर सेवाओं को एक खाते के माध्यम से फंड दिया जाएगा जिसे योजना लागु करने के लिए परिवहन मंत्रालय अंतर्गत स्थापित किया जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का बीमा नहीं है तो मुआवजा के तौर पर उपचार का खर्च गाड़ी मालिक को देना होगा।