पुराने वाहनों के लिये भी अब FASTag जरूरी, इस तारीख से हो जायेगा अनिवार्य
सरकार लंबे समय से टोल नाकों पर लाइन में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए सक्रिय है। इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 जनवरी 2021 से सभी पुराने और नए चार पहिया वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने FASTag के माध्यम से टोल भुगतान को डिजिटाइज़ करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। 1 जनवरी 2017 को FASTag को अनिवार्य कर दिया गया था। इसे वाहनों पर स्थापित करने के लिए मंत्रालय द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। 2017 के बाद के सभी नए वाहनों पर डीलरों द्वारा इसकी व्यवस्था की गई है। अब इस स्टीकर को M और N श्रेणी के वाहनों सहित सभी पुराने वाहनों पर अनिवार्य कर दिया गया है। हाल ही में परिवहन वाहन के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण पर वाहन में लगे FASTag स्टिकर की जांच की जा रही थी। मंत्रालय की अधिसूचना पहले ही कह चुकी है कि बीमा कंपनी वाहन का बीमा करते समय सबसे पहले आपका FASTag चेक करेगी। यदि आपके वाहन […]

सरकार लंबे समय से टोल नाकों पर लाइन में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए सक्रिय है। इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 जनवरी 2021 से सभी पुराने और नए चार पहिया वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने FASTag के माध्यम से टोल भुगतान को डिजिटाइज़ करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
1 जनवरी 2017 को FASTag को अनिवार्य कर दिया गया था। इसे वाहनों पर स्थापित करने के लिए मंत्रालय द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। 2017 के बाद के सभी नए वाहनों पर डीलरों द्वारा इसकी व्यवस्था की गई है। अब इस स्टीकर को M और N श्रेणी के वाहनों सहित सभी पुराने वाहनों पर अनिवार्य कर दिया गया है। हाल ही में परिवहन वाहन के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण पर वाहन में लगे FASTag स्टिकर की जांच की जा रही थी। मंत्रालय की अधिसूचना पहले ही कह चुकी है कि बीमा कंपनी वाहन का बीमा करते समय सबसे पहले आपका FASTag चेक करेगी। यदि आपके वाहन पर यह स्टिकर नहीं लगा है तो आपका बीमा रिन्यू नहीं किया जाएगा।

FASTag एक प्रीपेड टैग है जो स्वचालित रूप से टोल पर पैसे काटता है। जहां आपको कैश की लंबी लाइन में लगने के बाद टोल चुकाना पड़ता था, अब वाहन की विंडस्क्रीन पर रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) आधारित FASTag के साथ जोड़ा जाता है। यह प्रीपेड या लिंक्ड खाते से सीधे शुल्क के भुगतान की अनुमति देता है और लेन-देन के लिए वाहनों को रोकने की आवश्यकता नहीं होती है। केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1979 के अंतर्गत FASTag को अनिवार्य बनाने के लिए संशोधन किया गया है। FASTag को पहली बार 1 दिसंबर, 2017 के बाद सभी नए चार पहिया वाहनों को पंजीकृत करने के लिए अनिवार्य किया गया था। साथ ही FASTag को 1 अक्टूबर, 2019 से नेशनल परमिट वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। FASTag को अनिवार्य करने से टोल संग्रह में पारदर्शिता आएगी और यातायात में भी आसानी होगी।
हालांकि, FASTag नियमों के लागू होने के बाद भी ड्राइवरों को अभी भी लंबी लाइनों से छूट नहीं मिली है। कभी-कभी FASTag के बिना वाहन लेन में प्रवेश करते हैं और दुगुना टोल ना भरना पड़े इसके लिये चालक कार को वापस मोड़ लेते हैं जिससे अव्यवस्था पैदा हो जाती है। सरकार अब सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य करके इस समस्या से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही है।