भारतीयों पर अधिक बुरा प्रभाव न डाल सका कोरोना, कारण जानकर आपको भी आश्चर्य होगा!
विश्व में कोरोना का कहर जारी है। भारत में भी कोरोना के लाखों मामले दर्ज हो चुके हैं। लेकिन इससे मरने वालों का रेशियो कम रखने में भारत को सफलता मिली है। अगर आपको लगता है कि भारत में कोरोना वायरास से संक्रमण कम होने का कारण सिर्फ सरकारी गाइड लाइन का पालन करना है, तो आप गलत हो। हाल में एक शोध में पता चला है कि भारत में कोविड 19 का संक्रमण कम होने के पीछे का कारण भारतीय लोगों की गंदी आदतों के साथ जीने का अशुद्ध माध्यम है। इस संशोधन में सामने आया है कि भारतीय लोगों की कुछ गंदी आदतों के कारण कोविड-19 का असर नहीं दिखा है और इसके चलते रिकवरी रेट अच्छा रहा है। विश्व के अन्य देशों में कोरोना का कहर जारी है, वहां सेनिटेशन को लेकर काफी जागरुकता है। ऐसे देशों में यूरोप के अधिकतर देश शामिल हैं। वहां भारत से कम मामले हैं, लेकिन मृत्यु दर अधिक और रिकवरी रेट कम है। भारत कोविड-19 को हराने में आगे शोध के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद भारत के लोग […]

विश्व में कोरोना का कहर जारी है। भारत में भी कोरोना के लाखों मामले दर्ज हो चुके हैं। लेकिन इससे मरने वालों का रेशियो कम रखने में भारत को सफलता मिली है। अगर आपको लगता है कि भारत में कोरोना वायरास से संक्रमण कम होने का कारण सिर्फ सरकारी गाइड लाइन का पालन करना है, तो आप गलत हो। हाल में एक शोध में पता चला है कि भारत में कोविड 19 का संक्रमण कम होने के पीछे का कारण भारतीय लोगों की गंदी आदतों के साथ जीने का अशुद्ध माध्यम है।
इस संशोधन में सामने आया है कि भारतीय लोगों की कुछ गंदी आदतों के कारण कोविड-19 का असर नहीं दिखा है और इसके चलते रिकवरी रेट अच्छा रहा है। विश्व के अन्य देशों में कोरोना का कहर जारी है, वहां सेनिटेशन को लेकर काफी जागरुकता है। ऐसे देशों में यूरोप के अधिकतर देश शामिल हैं। वहां भारत से कम मामले हैं, लेकिन मृत्यु दर अधिक और रिकवरी रेट कम है।

भारत कोविड-19 को हराने में आगे
शोध के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद भारत के लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हुए हैं। स्वच्छता का भी ख्याल रख रहे हैं, लेकिन उनकी रोग प्रतिकारक शक्ति पहले से ही यूरोप के देशों से अधिक मजबूत है। आज विश्व में सबसे कम कोरोना मामले और मृत्यु दर के साथ भारत कोविड-19 को हराने में आगे हैं। इस अध्ययन से भारतीय को लेकर बीमारी को देखने का एक नया दृष्टिकोन मिला है। शोधनकर्ताओं का साफ कहना है कि हम ऐसा नहीं कहते कि कोविड-19 का संक्रमण रुकने कारण सिर्फ खराब स्वास्थ्य और अशुद्धता है।
शोधनकर्ता कोई भी बिन स्वास्थ्यप्रद आदतों को अपनाने की सलाह नहीं देते हैं
रिसर्च के मुताबिक उच्च माइक्रोबायल के सम्पर्क में कोविड-19 का संक्रमण रोकन में कारगर हो सकता है, लेकिन शोधनकर्ता किसी भी प्रकार के बिन स्वास्थ्यप्रद आदतों को अपनाने या इसका पालन करने की सलाह नहीं देते हैं। वे इन आदतों को कोविड-19 के संक्रमण को रोकने का विकल्प नहीं मानते हैं। वे इस शोध की पूरी तरह से पुष्टि भी नहीं करते हैं। अब देखना यह है कि अगर यह अध्ययन सही है तो क्या भारतीय लोगों को उनकी आदतों को सुधारना चाहिए? क्या सिर्फ खराब स्वास्थ्य और अशुद्धियां कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त है? हम भी हमारे पाठकों से स्वच्छता रखने और मास्क पहनने तथा हमेशा हाथ धोने की अपील करते हैं।