अर्नब गोस्वामी को रखें गए जेल में 700 कैदियों के बीच था एक टीवी
आत्महत्या दुष्प्रेरणा मामले में सलाखों के पीछे रहकर आए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी नेे जेल के भीतर के 8 दिन और जेल के अंदर की व्यथा की जानकारी दी। अर्नब कहते है कि जेल में 700 कैदियों के बीच एक टीवी रखा है। जेल अंडरवल्र्ड का नया अड्डा बन गया हैं। 8 दिन अर्नब को अलग-अलग जेल में रखा गया। मुंबई पुलिस ने अर्नब को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था और तलोजा सेन्ट्रल जेल में भेज दिया था। लेकिन सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद वे जमानत पर रिहा हुए। अर्नब ने जेल की आप बीती उनके पूछता है भारत कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को बतायी। रिपब्लिक टीवी पर टेलिकास्ट होने वाले पूछता है भारत-कार्यक्रम में अर्नब गोस्वामी ने जेल के 8 दिन की आप बीती दर्शकों को बतायी। अर्नब ने कहा कि 8 दिन की सजा में उन्हें अलग-अलग जेल में रखा गया। प्रथम अलिबाग जिले की जेल में 2 दिन रखा गया और इसके बाद तलोजा के सेन्ट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। अर्नब गोस्वामी ने कहा कि तलोजा सेन्ट्रल जेल में […]

आत्महत्या दुष्प्रेरणा मामले में सलाखों के पीछे रहकर आए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी नेे जेल के भीतर के 8 दिन और जेल के अंदर की व्यथा की जानकारी दी। अर्नब कहते है कि जेल में 700 कैदियों के बीच एक टीवी रखा है। जेल अंडरवल्र्ड का नया अड्डा बन गया हैं। 8 दिन अर्नब को अलग-अलग जेल में रखा गया। मुंबई पुलिस ने अर्नब को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था और तलोजा सेन्ट्रल जेल में भेज दिया था। लेकिन सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद वे जमानत पर रिहा हुए। अर्नब ने जेल की आप बीती उनके पूछता है भारत कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को बतायी।
रिपब्लिक टीवी पर टेलिकास्ट होने वाले पूछता है भारत-कार्यक्रम में अर्नब गोस्वामी ने जेल के 8 दिन की आप बीती दर्शकों को बतायी। अर्नब ने कहा कि 8 दिन की सजा में उन्हें अलग-अलग जेल में रखा गया। प्रथम अलिबाग जिले की जेल में 2 दिन रखा गया और इसके बाद तलोजा के सेन्ट्रल जेल में शिफ्ट किया गया।
अर्नब गोस्वामी ने कहा कि तलोजा सेन्ट्रल जेल में अबू सालेम और अबू जिंदाल जैसे अपराधी भी थे। मुंबई पुलिस मुझे अलग-अलग जेल में ले जाकर मेरा मनोबल तोडऩा चाहती थी। लेकिन मैं संघर्ष से बाहर आया हुआ व्यक्ति हूं इसलिए आसानी से नहीं तुटनेवाला। जेल में मैं अधिक मजबूत होकर बाहर आया।
अर्नब ने अपनी आप बीती में बताया कि जेल की जिस सेल में मुझे रखा गया था, वहां से 20 मीटर दूर एक टीवी रखा गया था। टीवी मेरे समेत अन्य 700 कैदियों के लिए रखा गया था। अर्नब ने कहा कि टीवी पर उन्हें साफ चित्र नहीं दिखायी देता था, लेकिन आवाज साफ सुनायी देती थी।
जेलवास दौरान लोगों के सहयोग की बात करते हुए अर्नब ने बताया कि लोगों का जबरदस्त सपोर्ट मिला। कुछ लोग उनके लिए रोज खाना लाते थे। दिन में तीन बार कोई ना कोई खाना लेकर आता था। अर्नब गोस्वामी ने बताया कि जेल में उन्होंने बिताए 8 दिन उनकी जिंदगी के सबसे सफल दिन थे। एक-एक दिन उनके लिए यादगार बन गया।