योगी के कहने पर भी नहीं दी हादसे की पुलिस को सूचना
37 हुई हादसे में मरने वालों की संख्या लखनऊ (ईएमएस)। एनटीपीसी की ऊंचाहार ईकाई में हुए हादसे को पांच दिन बीतने के बाद भी एनटीपीसी ने इस मामले की पुलिस को सूचना नहीं दी है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनटीपीसी अधिकारियों से अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने के बारे में पूछा भी था। इसके बाद भी एआनटीपीसी अधिकारियों ने इस हादसे की पुलिस को सूचना नहीं दी है। इस बीच हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 37 हो गई है। एनटीपीसी प्रबंधन नहीं चाहता है कि इस घटना की जांच में पुलिस शामिल हो। वह इस मामले की आंतरिक जांच ही कराना चाहता है। इस साल अप्रैल में पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ ने सरकार से एनटीपीसी समेत कई फैक्ट्रियों की सुरक्षा और पर्यावरण लिहाज से जांच कराने की गुजारिश की थी। पत्र सीएम और पर्यावरण विभाग को भेजा गया था। बावजूद इसके उस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एनजीओ के अध्यक्ष जे. पी. सक्सेना ने एनटीपीसी हादसे के बाद कहा अगर उस पत्र पर कार्रवाई हुई होती तो शायद यह हादसा […]
37 हुई हादसे में मरने वालों की संख्या
लखनऊ (ईएमएस)। एनटीपीसी की ऊंचाहार ईकाई में हुए हादसे को पांच दिन बीतने के बाद भी एनटीपीसी ने इस मामले की पुलिस को सूचना नहीं दी है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनटीपीसी अधिकारियों से अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने के बारे में पूछा भी था। इसके बाद भी एआनटीपीसी अधिकारियों ने इस हादसे की पुलिस को सूचना नहीं दी है। इस बीच हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 37 हो गई है। एनटीपीसी प्रबंधन नहीं चाहता है कि इस घटना की जांच में पुलिस शामिल हो। वह इस मामले की आंतरिक जांच ही कराना चाहता है। इस साल अप्रैल में पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ ने सरकार से एनटीपीसी समेत कई फैक्ट्रियों की सुरक्षा और पर्यावरण लिहाज से जांच कराने की गुजारिश की थी। पत्र सीएम और पर्यावरण विभाग को भेजा गया था। बावजूद इसके उस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एनजीओ के अध्यक्ष जे. पी. सक्सेना ने एनटीपीसी हादसे के बाद कहा अगर उस पत्र पर कार्रवाई हुई होती तो शायद यह हादसा बच जाता।
पर्यावरण भारती ने सीएम और पर्यावरण विभाग को लिखे गए पत्र में बीते साल रामपुर की डिस्टलरी में हुई घटना का जिक्र किया था। रामपुर हादसे में भी बॉयलर फटा था। पत्र में कहा गया था कि सभी मजदूरों को श्रम का अधिकार है, लेकिन उनके लिए माहौल सुरक्षित होना चाहिए। एनजीओ ने सीएम को जिन फैक्ट्रियों की सुरक्षा और पर्यावरण के लिहाज से जांच कराने की गुजारिश की थी, उनमें एनटीपीसी ऊंचाहार प्लांट के अलावा कानपुर स्थित फैक्ट्रियां, तेवा एपीआई गजरौला, जुबिलेंट लाइफ साइंसेज गजरौला, धामपुर शुगर मिल बिजनौर, नरौरा का परमाणु बिजली प्लांट, गाजियाबाद स्थित फैक्ट्रियां और चीनी मिलें शामिल थीं।