निजी अस्पतालों को क्यों कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज के नए नियम बनाने की जरूरत पड़ी, जानिए वजह
अस्पतालों में जरुतमंद मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे बेड निजी अस्पताल एसोसिएशन ने कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज के लिए कुछ नियम जारी किए हैं। कोरोना मरीज स्वस्थ्य होने के बाद भी वे डिस्चार्ज लेना नहीं चाहते हैं। इस कारण से जरुतमंद मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं होता हैं। नए मरीजों का समय पर इलाज हो और बेड की कमी नहीं हो इसके लिए निजी अस्पताल एसोसिएशन ने कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों के अधीन होकर मरीजों को दिया जाएगा डिस्चार्ज गत 48 घंटे से मरीज को बुखार नहीं होना चाहिए। गत 24 घंटे दौरान ब्लड प्रेशर और पल्सरेट नोर्मल होने चाहिए। 48 घंटे पहले मरीज ऑक्ïिसजन पर होना चाहिए। यह तीन नियमों के मुताबिक मरीज को डिस्चार्ज किया जाएगा। मरीज ट्रांसफर किए जाने के नियम निजी अस्पताल एसोसिएशन ने ट्रांसफर करने के लिए भी नियम तैयार किए हैं। अगर क्रिटिकल मेडिकल साधनों की उपलब्धता नहीं हो तो बाइपेप, वेन्टिलेटर या वेन्टिलेटर बायपेप काम नहीं करते हो तो, जिस मरीज को ईसीएमओ या सीआरआरटी से ट्रिटमेन्ट करनी हो, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो तो भी ट्रान्सफर किया […]

अस्पतालों में जरुतमंद मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे बेड
निजी अस्पताल एसोसिएशन ने कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज के लिए कुछ नियम जारी किए हैं। कोरोना मरीज स्वस्थ्य होने के बाद भी वे डिस्चार्ज लेना नहीं चाहते हैं। इस कारण से जरुतमंद मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं होता हैं। नए मरीजों का समय पर इलाज हो और बेड की कमी नहीं हो इसके लिए निजी अस्पताल एसोसिएशन ने कुछ नियम बनाए हैं।
इन नियमों के अधीन होकर मरीजों को दिया जाएगा डिस्चार्ज
गत 48 घंटे से मरीज को बुखार नहीं होना चाहिए। गत 24 घंटे दौरान ब्लड प्रेशर और पल्सरेट नोर्मल होने चाहिए। 48 घंटे पहले मरीज ऑक्ïिसजन पर होना चाहिए। यह तीन नियमों के मुताबिक मरीज को डिस्चार्ज किया जाएगा।
मरीज ट्रांसफर किए जाने के नियम
निजी अस्पताल एसोसिएशन ने ट्रांसफर करने के लिए भी नियम तैयार किए हैं। अगर क्रिटिकल मेडिकल साधनों की उपलब्धता नहीं हो तो बाइपेप, वेन्टिलेटर या वेन्टिलेटर बायपेप काम नहीं करते हो तो, जिस मरीज को ईसीएमओ या सीआरआरटी से ट्रिटमेन्ट करनी हो, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो तो भी ट्रान्सफर किया जाएगा।
इसके अलावा कोई घटना घटे जैसे कि आग। अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज का इलाज करने वाला व्यक्ति क्लीनिसियन किसी कारणों से उपचार कर सके ऐसी स्थिति में नहीं तभी भी ट्रान्सफर किया जाएगा। इसके अलावा मरीज का इलाज दौरान कोई मेडिकल डिवाइस कार्यरत न हो तो भ ट्रान्सफर किया जाएगा। अगर सरकार कोविड केयर फेसेलिटी के पास से किसी कारणें से इलाज करने की सत्ता छीन ले उस समय भी मरीज का ट्रान्सफर किया जाएगा।
अगर मल्टिस्पेश्यल अस्पताल हो अच्छे से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकती हो, इसके बावजूद कोरोना मरीज का इलाज शुरु नहीं हो या इलाज बंद हो तब एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में इलाज कर सकेंगे।
निजी अस्पतालों ने बेड व्यवस्था बढ़ाने के बजाय यह रास्ता अपनाया
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर निजी अस्पताल ने इस प्रकार के नियम तैयार किए हैं। जिससे गंभीर मरीज को तत्काल इलाज मिल सके। तब डिस्चार्ज हुए मरीजों को भी सावधानी बरती पड़ेगी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर निजी अस्पतालों ने अधिक बेड की व्यवस्था करने के बजाय मर्यादित संख्या में एडमिशन लेने के लिए इस प्रकार की तरकीब अपनायी है।