सूरत के पैडमेन नीरव शाह का लोकल अभियान राष्ट्रीय रूप ले रहा!
सूरत के नीरव शाह द्वारा शुरू हुआ सेनेटरी नैपकिन अभियान सूरत से निकल कर देश के 15 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुँच गया है। नीरव शाह द्वारा शुरू होने के बाद इसे शिराज गांधी, टीमएक्स और भारत की अन्य 58 संस्थाओ ने इसका समर्थन किया है। नीरवभाई के विजन के कारण सूरत से शुरू होने वाले इस सैनिटरी नैपकिन सुविधा से गुजरात की 4000 लड़कियों को लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि मध्यम वर्गीय या कम आय वाले परिवार में महिलाओं और लड़कियों को माहवारी के दौरान संक्रमण का खतरा बना रहता है। अधिकांश स्कूल जाने वाली लड़कियों को सैनिटरी नैपकिनक मात्र सरकारी स्कूलों के माध्यम से सरकारी योजनाओं से मिलता था। इस लॉकडाउन के कारण ये सुविधा बंद रही। साथ ही जो लोग सैनिटरी नैपकिन का खर्च उठाने में असमर्थ हैं वहां लडकियाँ और महिला कागज, कपड़ा जैसी चीजों का उपयोग करने को मजबूर रहती है और इससे यूटीआई और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभवना बनी रहती हैं। अभियान का उद्देश्य महिलाओं को जागृत करना सेनेटरी नैपकिन अभियान का उद्देश्य सेनेटरी नैपकिन के वितरण के […]

सूरत के नीरव शाह द्वारा शुरू हुआ सेनेटरी नैपकिन अभियान सूरत से निकल कर देश के 15 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुँच गया है। नीरव शाह द्वारा शुरू होने के बाद इसे शिराज गांधी, टीमएक्स और भारत की अन्य 58 संस्थाओ ने इसका समर्थन किया है। नीरवभाई के विजन के कारण सूरत से शुरू होने वाले इस सैनिटरी नैपकिन सुविधा से गुजरात की 4000 लड़कियों को लाभ मिलेगा।
आपको बता दें कि मध्यम वर्गीय या कम आय वाले परिवार में महिलाओं और लड़कियों को माहवारी के दौरान संक्रमण का खतरा बना रहता है। अधिकांश स्कूल जाने वाली लड़कियों को सैनिटरी नैपकिनक मात्र सरकारी स्कूलों के माध्यम से सरकारी योजनाओं से मिलता था। इस लॉकडाउन के कारण ये सुविधा बंद रही। साथ ही जो लोग सैनिटरी नैपकिन का खर्च उठाने में असमर्थ हैं वहां लडकियाँ और महिला कागज, कपड़ा जैसी चीजों का उपयोग करने को मजबूर रहती है और इससे यूटीआई और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभवना बनी रहती हैं।
अभियान का उद्देश्य महिलाओं को जागृत करना
सेनेटरी नैपकिन अभियान का उद्देश्य सेनेटरी नैपकिन के वितरण के माध्यम से लाइव टू इंस्पायर के सहयोग से कम आय वर्ग की महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली मासिक धर्म स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए तत्काल राहत प्रदान करना है। साथ ही ऐसी महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म से जुडी स्वच्छता प्रथाओं के बारे में भी शिक्षित किया जाना है।
कोविड ने बुरी तरह से किया है प्रभावित
गौरतलब है कि कोविड-19 ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। इसमें से भी सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब, प्रवासी और दिहाड़ी मजदूर हैं। ऐसे समय में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों और महिलाओं के लिए मासिक धर्म के समय स्वच्छता के उपायों को और कठिन बना दिया गया है।
आपको बता दें कि इस महामारी के दौरान, नीरव शाह ने भारत में 5000 से अधिक लोगों को मुफ्त में तुलसी की बूंदों का वितरण किया था। यह पांच दुर्लभ तुलसी की अच्छाई से बना है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही इसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं और यह त्वचा, दिल के साथ साथ संयुक्त स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इससे खांसी और जुकाम से राहत मिलती है।