सूरत : लापरवाही की हद, बिना सैम्पल दिए ही महिला का कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आ गया

सूरत जिला के उमरपाडा तहसील के झारावाडी गांव में रहनेवाली आशावर्कर महिला ने सैंपल नहीं दिया था तो भी उनका कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया। आशा वर्कर को 108 एंबुलेंस वाले लेने भी आ गए थे। मेडिकल ऑफिसर को आशावर्कर ने गांववालों के सामने ही प्रश्न किया जिससे गांववालों के विरोध से महिला को लिए बिना मेडिकल टीम वापस लौट गई है।
उमरदा ग्राम पंचायत के झारावाडी गांव में रहनेवाली आशावर्कर महिला का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जिला आरोग्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। आशा वर्कर महिला ने कहा कि मैंने डोंगरीपाडा प्राथमिक आरोग्य केन्द्र में कोरोना टेस्ट के लिए किसी भी प्रकार का सैंपल नहीं दिया था तथा सर्दी, खांसी या बुखार भी नहीं है। किंतु अचानक डोंगरीपाडा पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर नवीन जैन मेडिकल टीम के साथ झारावाडी स्थित मेरे घर पर आए थे और कहा कि आपका रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। आपको सिविल अस्पताल में जाना पड़ेगा। उनके ऐसा कहने पर मैं अवाक् हो गई थी।
आशा वर्कर ने कहा कि मैंने सैंपल नहीं दिया है। इस तरह से दलीलें करने लगी तो इतने में फलिया के लोग भी एकत्र हो गए थे और मेडिकल टीम का विरोध करने लगे। आखिर में मेडिकल टीम 108 एम्बुलेंस समेत वापस चली गई। उपरपाडा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वाघ ने कहा कि मेडिकल ऑफिसर नवीन जैन ने कहा कि डोंगरीपाडा पीएससी पर कर्मचारी द्वारा सैंपल लिया गया है। किंतु महिला ने कहा कि नवीन जैन ने सैंपल लिया या नहीं इसकी जानकारी नहीं है
। ओपीडी में रोगी अधिक थे। अब यह जो रिपोर्ट पॉजिटिव आया है वह किसका है? यह गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। आज नए केसों में उपरपाडा की दो महिला को कोरोना पॉजिटिव दर्शाया गया है जिसमें आशा वर्कर के मामले में
स्वास्थ्य विभाग ने योग्य खुलासा नहीं किया तो उलझन और बढ़ी है। न जाने कितने कोरोना पॉजिटिव रोगी बाहर घूम रहे हैं। इस प्रकार कहा जाए तो गलत नहीं होगा।