सूरत : मेहसाना जेल में कैसे रची गयी सूरत के उद्योगपति के अपहरण की साजिश

कीम(सूरत)। नौ महीने पहले मेहसाना जेल में दो कुख्यात अपराधियों का मिलन हुआ। दोनों मिलकर रूपए कमाने के ध्येय से सूरत के उद्योगपति, जिनका कीम-तडक़ेश्वर रोड पर नेट कपड़े बनाने का कारखाना है उसके अपहरण की साजिश रची। अजय दत्ता उर्फ अजय बंगाली और कुख्यात अपराधी अमर सिंह ठाकोर ने जेल में ही अपहरण का खाका तैयार कर लिया और जेल से बाहर निकलने का इंतजार करने लगे। वीसनगर(मेहसाना)में गांजा विक्रय मामले में गिरफ्तार अजय बंगालीमूलत: निवासी झारखंड हाल निवासी पीपोदरा में स्थित लक्ष्मी अपार्टमेंट के कमरा नंबर107, जेल से बाहर निकलने पर अपहरण को अंजाम देने चार दिन पहले अमरसिंह के गुर्गो को पीपोदरा बुलाया और अजय से मिलकर वो मेहसाना चले गए। इसके बाद हथियारों से लैस अमर सिंह ठाकोर के गुर्गे सूरत में अपहरण करने पहुंचते इससे पहले सोमवार को मेहसाना पुलिस पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पूछताछ में पुलिस को गुर्गो ने बताया कि अजय दत्ता उर्फ अजय बंगाली पीपोदरा में रहता है। अजय ने सूरत जनपद के करंज-हरियाल तडक़ेश्वर समीप एक नेट कपड़े के उत्पादक उद्योगपति के अपहरण करने की रेकी की वहीं अपहरण की वारदात को अंजाम देने जा रहे थे। चार दिन पहले पीपोदरा में अजय से मुलाकात दौरान बताया था कि कंपनी मालिक स्वीफ्ट कार से कारखाना में आवागमन करता है। उसका चालक कार से उसे घर पर छोडऩे जाता है। नहर पर सुनसान इलाके में उसका अपहरण कर पांच करोड़ रूपए की फिरोैती मांगने की योजना थी। मेहसाना पुलिस ने तुरंत इसकी जानकारी सूरत क्राईम ब्रांच को दी।
क्राईम ब्रांच के डीसीपी. राहुल पटेल के मार्गदर्शन में पुलिस नीरीक्षक जेड.एन.धासुरा, पुलिस नीरीक्षक कुलदीप गढ़वी, ने अजय दत्ता को ढूढऩे मुखबीरों को लगा दिया।इसी दौरान पुलिस उप नीरीक्षक एच.ए.सिंधा तथा के.ए.सांवलिया मुखबीरों की सूचना पर अजय बंगाली को सिद्धार्थनगर पांडेसरा (सूरत) में गिरफ्तार कर लिया। अजय दत्ता इसके पहले कई बार जेल जा चुका है और खूंखार अपराधी है। हिस्ट्रीशीटर अजय बंगाली को त्वरति गिरफ्तार करने पर शहर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र ब्रम्हभट्ट एडिशनल पुलिस कमिश्नर एच.आर.मुलियाणा तथा एसीपी.आर.आर.सरवैया इत्यादि अधिकारियों ने क्राईम ब्रांच को अभिनंदन दिया है।
बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में सजायाफ्ता रहा है अजय सदानंनद दत्ता

उद्योगपति का अपहरण का जाल बुनने वाला अजय दत्त का भूतकाल अपराधो से भरा है। सन 2003 में उमरगाम पुलिस मारपीट के अपराध में अरेस्ट की थी और नवसारी जेल में 3 साल की सजा भुगत चुका है। इसके बाद 2006 में बलात्कार मामले में गिरफ्तार हुआ और 10 वर्ष की सजा हुयी और 2014 में जेल से छूटा। नौ महीने पहले वीसनगर मेहसाना में गांजा तस्करी में पकड़ाया था। वहीं जेल में अमरसिंह के साथ संपर्क में आने के बाद छूटने पर सूरत के उद्योगपित के अपहरण की योजना को आखिरी अंजाम देने से पहले पुलिस के हाथ गिरफ्तार हो गया।