सूरत : कोरोना विस्फोट के बाद डॉक्टर्स-नर्सों सहित स्वास्थ्य कर्मियों ताबड़तोड़ भर्ती
सूरत शहर में कोरोना की रफ्तार अहमदाबाद के जैसे तेज हो चुकी है। इसको देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सूरत की स्थिति अहमदाबाद जैसे ही गंभीर होने वाली है, इसीलिए कोरोनाग्रस्त लोगों को समय से इलाज मिल सके इसलिए पीजी के डॉक्टरों सहित पैरामेडिकल स्टाफ को मिलाकर कुल हजार से अधिक स्टाफ सूरत में काम करें ऐसी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही इसके लिए स्टाफ की पसंदगी भी की जा रही है। आपको बता दें कि सूरत शहर में कोरोना के केस दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं जो कि चिंताजनक बात है। इस परिस्थितियों के बीच में राज्य के आयोग की सचिव ज्योति रवि सूरत में आए। सभी काम करने वाले तथा परिस्थियों का मुआयना करने के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि सूरत में भी यदि अहमदाबाद जैसी स्थिति होती है तो उससे निपटने के लिए नए अस्पताल और अस्पतालों के लिए स्टाफ की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। इसके उपाय के लिए काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन के द्वारा डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ को मिलाकर लगभग […]

सूरत शहर में कोरोना की रफ्तार अहमदाबाद के जैसे तेज हो चुकी है। इसको देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सूरत की स्थिति अहमदाबाद जैसे ही गंभीर होने वाली है, इसीलिए कोरोनाग्रस्त लोगों को समय से इलाज मिल सके इसलिए पीजी के डॉक्टरों सहित पैरामेडिकल स्टाफ को मिलाकर कुल हजार से अधिक स्टाफ सूरत में काम करें ऐसी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही इसके लिए स्टाफ की पसंदगी भी की जा रही है।
आपको बता दें कि सूरत शहर में कोरोना के केस दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं जो कि चिंताजनक बात है। इस परिस्थितियों के बीच में राज्य के आयोग की सचिव ज्योति रवि सूरत में आए। सभी काम करने वाले तथा परिस्थियों का मुआयना करने के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि सूरत में भी यदि अहमदाबाद जैसी स्थिति होती है तो उससे निपटने के लिए नए अस्पताल और अस्पतालों के लिए स्टाफ की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। इसके उपाय के लिए काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन के द्वारा डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ को मिलाकर लगभग हज़ार लोगों के स्टाफ की व्यवस्था की गई है
इस काम के लिए जिला के आरोग्य केंद्र पर काम करने वाले कर्मचारियों, पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे डॉक्टर्स, एमबीबीएस के इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर्स को काम सौंपा जा सकता हैं ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है। इनके रहने के लिए भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज, गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज और एसवीएनआईटी में सभी स्टाफ को रखने की व्यवस्था की जाएगी