सूरत : बिहार प्रवासी गोपाल सिंह ने दी कोरोना को मात, कहा – सिविल अस्पताल के इलाज से खुश हैं
कोरोना पेशेन्ट कोरोना को मात देकर अस्पताल से बाहर आ रहे हैं मेरा सुगर 291 था। जिससे मेरे परिवार को आशा नहीं थी कि मैं स्वस्थ होकर घर वापस भी लौट जाउंगा। लेकिन धन्यवाद है इस राज्य सरकार का जिनका स्वास्थ्य प्रशासन इतना मजबूत है कि मैं कोरोना को मात देकर स्वस्थ होकर आज अपने परिवार के बीच हूं। राज्यभर में कोरोना वायरस के बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव केसों के सामने राज्य सरकार का स्वास्थ्य प्रशासन सजगता व मजबूती से सेवा कर रहा है। जिसमें राज्य की सभी सिविल अस्पताल की उपचार से कई रोगियों को नवजीवन मिला है। सूरत की नई सिविल अस्पताल में कोरोना वॉरियर्स चिकीत्सकीय स्टाफ रात-दिन एक कर रोगियों की जान बचाने के लिए पूरा ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। जिससे बड़ी संख्या में स्वस्थ हो रहे रोगियों के चेहरे पर अनोखा स्मित और आंखों में संतोष झलक रहा है। एक तरफ डॉक्टर्स की नि:स्वार्थ मेहनत तो दूसरी तरफ कई कोरोना पेशेन्ट कोरोना को मात देकर अस्पताल से बाहर आ रहे हैं। ऐसे ही दृश्य सूरत की नई सिविल अस्पताल में रोज दिखता है। ऐसे ही […]

कोरोना पेशेन्ट कोरोना को मात देकर अस्पताल से बाहर आ रहे हैं
मेरा सुगर 291 था। जिससे मेरे परिवार को आशा नहीं थी कि मैं स्वस्थ होकर घर वापस भी लौट जाउंगा। लेकिन धन्यवाद है इस राज्य सरकार का जिनका स्वास्थ्य प्रशासन इतना मजबूत है कि मैं कोरोना को मात देकर स्वस्थ होकर आज अपने परिवार के बीच हूं।
राज्यभर में कोरोना वायरस के बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव केसों के सामने राज्य सरकार का स्वास्थ्य प्रशासन सजगता व मजबूती से सेवा कर रहा है। जिसमें राज्य की सभी सिविल अस्पताल की उपचार से कई रोगियों को नवजीवन मिला है। सूरत की नई सिविल अस्पताल में कोरोना वॉरियर्स चिकीत्सकीय स्टाफ रात-दिन एक कर रोगियों की जान बचाने के लिए पूरा ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। जिससे बड़ी संख्या में स्वस्थ हो रहे रोगियों के चेहरे पर अनोखा स्मित और आंखों में संतोष झलक रहा है।
एक तरफ डॉक्टर्स की नि:स्वार्थ मेहनत तो दूसरी तरफ कई कोरोना पेशेन्ट कोरोना को मात देकर अस्पताल से बाहर आ रहे हैं। ऐसे ही दृश्य सूरत की नई सिविल अस्पताल में रोज दिखता है। ऐसे ही एक कोमोर्बिड कंडीशन वाले गोपाल शिवनंदन सिंह कोरोनामुक्त हुए हैं और जिन्हें सिविल की कोविड 19 अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
मूल बिहार के आरा जिले के कॉइल गांव के निवासी और वर्षों से परिवार के साथ सूरत स्थाई हुए गोपाल शिवनंदन सिंह कोरोना से जंग जीतने में कामयाब रहे। उनकी खुशी से भी कहीं अधिक खुशी उनके परिजनों को है। उन्हें डायबिटीज, प्रेशर और लीवर की बीमारी जैसी कोमोर्बिड बीमारी थी। जैसा कि पता है ऐसे रोग वाले लोगों पर कोरोना जानलेवा साबित हुआ है। ऐसे में गोपाल शिवनंदन सिंह ने कोरोना को मात दिया है और अपने घर स्वस्थ होकर लौटे हैं। जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
गोपाल सिंह खुशी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि मैं प्रवासी नहींं, मैं गुजरात का निवासी हूं। सूरत की धन्य धरती मेरी कर्मभूमि और अब नया जीवन देनेवाली जन्मभूमि बन गई है। सूरत की धरती मेरे लिए शुभ है। सूरत ने मुझे रोजगार देकर मेरा पालन-पोषण किया है।
कोरोना संक्रमित होने के बाद सिविल में भर्ती होने पर मुझे श्रेष्ठ उपचार मिला है। मुझसे उपचार के लिए एक रुपया भी नहीं लिया गया। संपूर्ण स्वस्थ होकर अपने घर पर लौटा हूं। उन्होंने इसके पीछे का कारण कोविड अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा दी जानेवाली श्रेष्ठ उपचार, सात्विक भोजन, नर्सिंग स्टाफ का सावधानीपूर्वक देखभाल, रोगप्रतिरोधक शक्ति मजबूत हो इसके लिए दी जानेवाली विशिष्ट काढ़ा, दवाएं, अस्पताल का घर जैसा वातावरण, चिकित्सकों-स्टाफ का मानवीय अभिगम और साथ-साथ सुचारु व्यवस्थापन है।