गुजरात : कॉलेज के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों के मास-प्रमोशन को लेकर असमंजस

राज्य के कॉलेजों और यूजी-पीजी में अभ्यासरत छात्रों को अगली कक्षा में कैसे भेजें इसको लेकर शिक्षा प्रबंधन असमंजस में है। विद्यार्थियों की संख्या इतनी अधिक है कि सबको मास प्रमोशन दे देना दुविधा की स्थित पैदा कर रहा है। जबकि दूसरी ओर लॉकडाउन की समयावधि इतनी लंबी हो गई है कि अब सबकी परीक्षा लेना भी संभव नहीं है।
इसी पेशोपेश में कॉलेजों के आचार्यों ने मिलकर एक फार्मूला बनाया है, जिसे उन्होंने सरकार के शिक्षा विभाग को सौंपा है। इस फार्मूला के आधार पर छात्रों को अगली कक्षा में आगे बढ़ाने को लेकर फैसला लिया जा सकता है।
आचार्यों ने जो फार्मूला तैयार किया है कि उसके अनुसार कॉलेजों के प्रथम और दूसरे वर्ष में अभ्यासरत छात्रों के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के इंटरनल अंकों के आधार पर छात्रों को पास किया जा सकता है। इंटरनल के 50 अंकों को 100 अंकों में कन्वर्ट करके उसके आधार पर अंक दिये जा सकते हैं।
हालांकि जो विद्यार्थी यूजी-पीजी के अंतिम वर्ष में अभ्यासरत हैं और आगे की पढ़ाई के लिये विदेश जाना चाहते हैं, तो उन्हें एक अदद डिग्री की दरकार रहेगी। ऐसे में अंतिम वर्ष वालों की परीक्षाएं तो लेनी ही पड़ेंगी। ये परीक्षाएं जुलाई महीने में सभव हो सकती हैं। जबकि रीपीटर विद्यार्थियों की परीक्षा सितम्बर-अक्टूबर में हो सकती है। देखना है लॉकडाउन के चौथे चरण के सोमवार को प्रारंभ होने के साथ कॉलेजों की परीक्षा या मास प्रमोशन को लेकर क्या फैसला होता है।