लॉकडाउन में व्यवसाय बंद किंतु समाज सेवा शुरु

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में कई लोगों के व्यवसाय को ताला लग गया है। कइयों ने अपने व्यवसाय को ही समाज सेवा का रास्ता बना दिया है। सूरत के एक टेलर ने पालिका-पुलिस तथा अन्य फ्रन्टलाइन कोरोना वॉरियर्स को नि:शुल्क मास्क बनाकर वितरण शुरु किया है। जब तक लॉकडाउन चालू रहता है तब तक मास्क बनाकर लोगों को नि:शुल्क देने की कार्यवाही जारी रखी जाएगी। उसके बाद भी फ्री समय में मास्क बनाकर ग्राहक और लोगों को नि:शुल्क वितरण
क र लोगों को मास्क पहनने के लिए जागृति लाने का प्रयास किया जाएगा।
सूरत में लॉकडाउन के कारण सभी व्यापार-व्यवसाय बंद हैं। जिसमें टेलरिंग का व्यवसाय भी बंद है। लॉकडाउन में टेलरिंग का व्यवसाय बंद होने के अलावा कोरोना से बचने के लिए सोश्यल डिस्टेन्स और हैंड वॉश के साथ सभी लोगों को मास्क पहनने की जरुरत उत्पन्न हुई है। यह जानकर सूरत के उधना दरवाजा खरवरनगर में रहनेवाले और टेलरिंग का कार्य करनेवाले हितेश देगडवाला ने लॉकडाउन के समय में मास्क बनाना शुरु किया था।
लॉकडाउन के दौरान कानून का पालन करानेवाले पुलिस और विविध कार्यवाही करनेवाले मनपा के कर्मचारियों के लिए मास्क बनाना शुरु किया गया था। मास्क को नि:शुल्क कोरोना के फ्रन्टलाइन वॉरियर्स को देना शुरु किया गया था। उनकी इस कार्यवाही को देखकर उनके दोस्त अतुल भावसार ने अधिक मास्क बनाकर अधिक लोगों को दे इसके लिए कपड़ा नि:शुल्क दिया है। इन दोनों दोस्तों के इस सेवाभाव के कारण अभी तक 6 हजार से अधिक मास्क बनाकर कोरोना वॉरियर्स तथा अन्य लोगों को दिया गया है।
हितेशभाई ने कहा कि फिलहाल तो लॉकडाउन के कारण काम-धंधा बंद है जिससे मास्क बनाकर मैं नि:शुल्क देता हूं किंतु वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों के लिए मास्क आवश्यक बन जाएगा। जिससे आगे के समय में भी मास्क बनाने की कार्यवाही जारी रखी जाएगी। इसके अलावा उनके ग्राहकों में भी मास्क के लिए जागरुकता आए इसके लिए कपड़े के साथ-साथ मास्क बनाकर देंगे और उन्हें कोरोना से लडऩे के लिए मास्क पहनने की जरुरत है ऐसी अपील भी की जाएगी।
सूरत के खरवरनगर के टेलर ने तीन प्रकार के मास्क बनाए हैं जिसे फिर से धोकर सभी उपयोग में ले सकते हैं। सादे मास्क के अलावा लाइक्रा के कपड़े के मास्क के साथ-साथ एन-95 मास्क दो लेयर के कपड़े के बीच कैन्वास रखकर बनाया गया है। पहले तो सादे मास्क ही बनाते थे किंतु बार-बार एन-95 मास्क के संबंध में सुना और उसे देखने के बाद दो कपड़ों के बीच कैन्वास रखकर मास्क बनाने के लिए प्रयास किया है। यह मास्क बनाकर उन्होंने मनपा के कई कर्मचारियों को दिया है। यदि उन्हें यह मास्क पसंद आएगा तो कोरोना के साथ जुड़े लोगों के लिए वे ऐसे मास्क अधिक संख्या में बनाएंगे। वो कहते हैं कि ये सभी मास्क कोरोना के लिए लड़ रहे लोगों के लिए लॉकडाउन पूर्ण हो तब तक बनाकर देंगे। सूरतवालों को कोरोना से बचाने के लिए जो लोग कार्य कर रहे हैं उन्हें सहायक होने के साथ लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास भी वे करेंगे।