गुजरात में इस जगह से शुरू होगा सी-प्लेन, मनसुख मांडविया की घोषणा

केंद्रीय शिपिंग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने बुधवार को ‘चाय पे चर्चाÓ बैठक के दौरान भारतीय जल संसाधनों पर सीप्लेन परियोजना की समीक्षा की। ‘चाय पे चर्चा बैठक में भारतीय दरियाई क्षेत्र में बदलाव लाने मंत्रालय के अधिकारियों को विचार मंथन के लिए एक मंच प्रदान करने की एक अनोखी पहल है। सीप्लेन परियोजना देश के लंबे, दुर्गम और पर्वतीय प्रदेशों के लिए तेज और आसान यात्रा का विकल्प प्रदान करेगी। उड़ान योजना के तहत, क्षेत्रीय संपर्क मार्गों के तहत 16 सीप्लेन मार्गों की पहचान की गई है। इस 16 सीप्लेन मार्ग में साबरमती और सरदार सरोवर-स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मार्गों को शामिल किया गया है और इस मार्ग का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा हो गया है।
मनसुख मांडविया ने कहा कि साबरमती और नर्मदा घाटी- स्टेच्यु ऑफ युनिटी सीप्लेन मार्ग समय की बचत करेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा। क्योंकि यह नर्मदा घाटी और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अवलोकन का अवसर प्रदान करेगा। मनसुख मांडविया ने अधिकारियों को यूएसए, कनाडा, मालदीव और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉटरड्रोम बुनियादी ढांचे के गहन अध्ययन के बाद वाटरड्रोम (टर्मिनल) का एक भारतीय मॉडल तैयार करने की सूचना दी थी। जो समुद्री विमानों के संचालन के लिए भारतीय नियमों और विनियमों के अनुरूप है।
विस्तृत चर्चा के बाद, उन्होंने सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) और आईडब्ल्यूएआई (भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) के साथ मिलकर अक्टूबर,2020 तक साबरमती और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मार्गों पर सीप्लेन संचालन शुरू करने का निर्देश दिया। आईडब्ल्यूएआई सितंबर, 2020 तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से एक बाथेमेट्रिक और हा इड्रोग्राफिक सर्वेक्षण आयोजित करेगा।
आईडब्ल्यूएआई अंतर्देशीय जलमार्ग पर सीप्लेन परियोजना का प्रबंधन करेगा और एस.डी.सी.एल. तटीय क्षेत्रों में परियोजना का संचालन करेगा। आईडब्ल्यूएआई और एस.डी.सी.एल शिपिंग मंत्रालय, फ्लाइट ऑपरेटर्स, पर्यटन मंत्रालय एवं डीजीसीए के साथ-साथ संकलन करेगा। मनसुख मांडविया ने शिपिंग मंत्रालय, एसडीसीएल, आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों और विमानन क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।