राजकोट : ये ट्रेंड अच्छा है, बच्चों को प्राइवेट से सरकारी स्कूलों में दाखिल कराने लगे लोग
सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें मुफ्त दी जा रही है लॉकडाउन में व्यवसाय-रोजगार तीन महीने तक बंद रहने से लोग आर्थिक संकट में आ गए हैं। गांवों में रोजगार की हालत तो और अधिक खराब हो गई है। कोरोना संकट में सरकार ने स्कूलों की पहली सत्र की फीस माफी की कोई घोषणा नहीं की। जिससे आखिर में हजारों अभिभावक अब अपने बच्चों को निजी स्कूल से सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने की तरफ मुड़े हैं। राजकोट जिले में जसदण, गोंडल समेत अन्य तहसीलों से सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कक्षा-1 से 8 तक की प्राथमिक स्कूलों में भी 30 से 35 हजार रुपए जितनी वार्षिक फीस ली जा रही है। इसके अलावा पाठ्यपुस्तक और ड्रेस समेत अन्य के नाम पर अभिभावकों की जेबें खंगाली जा रही है। दूसरी तरफ गांवों में कुछ सरकारी स्कूलें निजी को टक्कर मारने जैसी है। सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें मुफ्त दी जा रही है। फीस सभी के बजट में होती है। राजकोट जिले में 873 सरकारी और 567 निजी प्राथमिक स्कूलें हैं। स्कूलें कोरोना के कारण मार्च […]

सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें मुफ्त दी जा रही है
लॉकडाउन में व्यवसाय-रोजगार तीन महीने तक बंद रहने से लोग आर्थिक संकट में आ गए हैं। गांवों में रोजगार की हालत तो और अधिक खराब हो गई है। कोरोना संकट में सरकार ने स्कूलों की पहली सत्र की फीस माफी की कोई घोषणा नहीं की। जिससे आखिर में हजारों अभिभावक अब अपने बच्चों को निजी स्कूल से सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने
की तरफ मुड़े हैं। राजकोट जिले में जसदण, गोंडल समेत अन्य तहसीलों से सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
कक्षा-1 से 8 तक की प्राथमिक स्कूलों में भी 30 से 35 हजार रुपए जितनी वार्षिक फीस ली जा रही है। इसके अलावा पाठ्यपुस्तक और ड्रेस समेत अन्य के नाम पर अभिभावकों की जेबें खंगाली जा रही है। दूसरी तरफ गांवों में कुछ सरकारी स्कूलें निजी को टक्कर मारने जैसी है। सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें मुफ्त दी जा रही है। फीस सभी के बजट में होती है।
राजकोट जिले में 873 सरकारी और 567 निजी प्राथमिक स्कूलें हैं। स्कूलें कोरोना के कारण मार्च से ही बंद हैं। शैक्षणिक सत्र 8 जून से शुरु हो जाने के बावजूद भी कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए छात्रों को अभी स्कूल जाने की छूट नहीं दी गई है। स्वीकृति मिलती उससे पहले हजारों छात्रों ने स्कूल बदल दी है।
राजकोट जिला प्राथमिक शिक्षाधिकारी की जानकारी के अनुसार अलग-अलग तहसील में निजी से सरकारी स्कूल में प्रवेश लेनेवाले की संख्या बढ़ रही है। जसदण तहसील से 184 बच्चों ने और घोघावदर में 35 बच्चों ने सरकारी स्कूल में प्रवेश लिया। इस प्रकार के आंकड़े मिले हैं। ऐसी धारणा है कि पूरे जिले के इस वर्ष के आंकड़े गत वर्ष के 2300 की तुलना में बढ़ जाएंगे। कई कारणों से छात्र सरकारी स्कूल में प्रवेश प्राप्त कर रहे हैं।