पान-मावा की दुकानों पर लग गई कतारें

राज्य में 55 दिन के बाद जीवनजरुरी वस्तुओं के अलावा अन्य दुकानें खुली हैं। स्वीकृति मिलने से सुबह से ही दुकानों के बाहर लाइनें लग गई। सूरत, अहमदाबाद, सौराष्ट्र में और विशेष तौर पर राजकोट की बातें की जाए तो यहां पान-मावा की दुकानें खुलते ही लोगों ने लाइन लगा दी थी। तंबाकू प्रोडक्ट का विक्रय करनेवाली एजेन्सियों की दुकानों पर भी सुबह से ही लाइनें लगी थी। कई जगहों पर बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े थे। जिससे दुकानें बंद करनी पड़ी थी। पान-मसाले की एजेन्सी के बाहर आधा किलोमीटर लंबी लाइन लगी थी।
छूट मिलने से लगी भीड़ :
सूरत में भटार में एक पान-मावा की दुकान पर लोगों की भीड़ देखी गई। राजकोट में पान-मसाले की राजकमल एजेन्सी पर देखने पर पता चला कि यहां लोग सुबह के पांच बजे से ही लाइन में लगे थे। पुलिस को बाद में आना पड़ा और समूह में खड़े लोगों को अलग किया गया। स्थिति नियंत्रण के बाहर जाने पर पुलिस हरकत में आ गई। दूसरी तरफ एजेन्सियों की तरफ से सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसके लिए निजी सिक्युरिटी तैनात कर दिया गया है।
इस मामले में पान-मसाला की एजेन्सी की तरफ से जानकारी मिली कि सुबह से ही 100 से 150 लोग लाइन में खड़े हो गए थे। सुबह आठ बजे दुकान खोला गया था किंतु कुछ असामाजिक तत्वों ने लाइन तोड़ दी और सोश्यल डिस्टेंसिंग तोडऩे का प्रयास किया जिसके बाद एजेन्सी ही बंद कर दिया गया।
ब्लैक के पैसे देकर थके
इस मामले में व्यसन करनेवाले लोगों से बात करने पर उन्होंने कहा कि दो महीने से कुछ मिला नहीं है। हम लोग ब्लैक के पैसे देकर थक चुके हैं। 18 रुपए में बीड़ी मिल रही थी उसका 150 रुपए लिया जाता है। 55 दिन से किसी प्रकार का व्यसन करने को नहीं मिला। अब हम थक चुके हैं।
लोगों ने दो हाथ जोडक़र विनती की
लोगों ने कहा कि हमने बिना व्यसन के 55 दिन बीता दिए। अभी हमारे संयम का बांध टूटने लगा है। अब हम व्यसन के बिना और अधिक समय नहीं बीता सकते। मेहरबानी करके इन एजेन्सियों को शुरु कराया जाए।
आधा किलोमीटर लंबी लाइन
राजकोट में पान-मसाले की दुकान के बाहर सुबह से आधा किलोमीटर जितनी लंबी लाइन दिखाई दी थी। अव्यवस्था के कारण पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और लोगों को घर जाने के लिए कहा।