कर्मठता की देवी बनी पूनमबेन जोषी, 7 महीने के गर्भ के साथ दे रही हैं सेवाएं

समग्र देश में कोरोना का प्रकोप है। ऐसे में इस महामारी के समय में भी मोरबी के वीसीपरा विस्तार में स्थित सरकारी शहरी स्वास्थ्य केन्द्र की नर्स चर्चा में है। यहां नर्स के तौर पर कार्यरत पूनमबेन जोषी समग्र मोरबी जिले के सभी नर्स बहनों के लिए प्रेरणादायी बनी है। अपने 7 महीने का गर्भ होने के बावजूद भी कोरोना की महामारी में लगातार कार्यरत पूनमबेन जोषी कहती हैं कि भले मैं अभी प्रेगनन्ट हूं और पेट में सात महीने का गर्भ है किंतु ऐसे कठिन समय में राष्ट्र की सेवा करने का मुझे अनोखा आनंद मिल रहा है। कोरोना महामारी के बीच अपने श्रीमंत प्रसंग स्थगित रखकर भी स्वास्थ्य विभाग की सेवा में लगातार जुड़ी रही हैं।
पूनमबेन जोषी की कार्य के प्रति निष्ठा देखकर स्थानीय लोग कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के कठिन समय में भी ऐसी परिस्थिति में निष्ठापूर्वक कार्यरत हैं। यह हमारे लिए गर्व और राहत की बात है। अपने 7 महीने का गर्भ होने के बावजूद भी अपनी चिंता किए बिना पूनमबेन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की समय पर पंजीयन, अस्पताल में माता और बच्चे की देखरेख, चिरंजीवी योजना समेत बच्चों को रसी देने और ममता कार्ड बनाने जैसी कार्यवाही कर रही हैं।
पूनमबेन जोषी जैसे मोरबी के अन्य दस महिलाएं खुद प्रेगनेन्ट होने के बावजूद भी ऐसे समय में अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना मानवजाति की सुरक्षा के लिए अमूल्य योगदान दे रही हैं। उल्लेखनीय है कि दया की देवी फ्लोरेन्स नाइटिंगेल की जन्म जयंति के 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना के खिलाफ लड़ रहे अग्रीम पंक्ति की योद्घा ऐसी नर्सों के साथ बात कर उनकी सेवाओं को सराहा। अपने और अपने परिवार की चिंता किए बिना रोगियों की सेवा करनेवाली पूनमबेन जोषी जैसे कई नर्सिंग स्टाफ और कोरोना वॉरियर्स को लाखों सलाम।