सरकार मदद करेगी तो गुजरात के फूलों की खुशबू से महकेगी दुनिया
गुजरात में फूलों के बगीचे खिलते है, लेकिन विदेश में फूलों की निर्यात कम हो रही हैं। भारत के कुल निर्यात में सिर्फ 1 फीसदी हिस्सा गुजरात का हैं। फूलों के निर्यात के लिए अहमदाबाद, सूरत, राजकोट हवाई अड्डे पर कोल्ड स्टोरेज होने की जरुरत हैं। गुजरात के किसानों को 2 हजार करोड़ के फूलों की खेती गंवानी की नौबत आती हैं। उन्हें पर्याप्त दाम स्थानीय बाजार में मिलता नहीं। तमिलनाडु 228 करोड़ के फूल विदेश भेजते हैं, लेकिन गुजरात सिर्फ 4.10 फीसदी हैं। फूलों का निर्यात करने वाले 13 राज्यों में गुजरात सातवें पायदान पर हैं। निर्यात करने से एक किलो फूलों का दाम 255 आता है। वहीं स्थानीय बिक्री करने पर वह केवल 70-80 रुपए मिलते हैं। मध्य गुजरात में 50 फीसदी फूलों की खेती गुजरात के किसानों ने 10 वर्ष में उत्पादन में 130 फीसदी वृद्धि करके बतायी हैं। लेकिन सरकार की ओर से निर्यात के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इससे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। गुजरात में जीतने भी फूलों का उत्पादन होता है इसके 59 फीसदी मध्य गुजरात के […]

गुजरात में फूलों के बगीचे खिलते है, लेकिन विदेश में फूलों की निर्यात कम हो रही हैं। भारत के कुल निर्यात में सिर्फ 1 फीसदी हिस्सा गुजरात का हैं। फूलों के निर्यात के लिए अहमदाबाद, सूरत, राजकोट हवाई अड्डे पर कोल्ड स्टोरेज होने की जरुरत हैं। गुजरात के किसानों को 2 हजार करोड़ के फूलों की खेती गंवानी की नौबत आती हैं। उन्हें पर्याप्त दाम स्थानीय बाजार में मिलता नहीं।
तमिलनाडु 228 करोड़ के फूल विदेश भेजते हैं, लेकिन गुजरात सिर्फ 4.10 फीसदी हैं। फूलों का निर्यात करने वाले 13 राज्यों में गुजरात सातवें पायदान पर हैं। निर्यात करने से एक किलो फूलों का दाम 255 आता है। वहीं स्थानीय बिक्री करने पर वह केवल 70-80 रुपए मिलते हैं।
मध्य गुजरात में 50 फीसदी फूलों की खेती
गुजरात के किसानों ने 10 वर्ष में उत्पादन में 130 फीसदी वृद्धि करके बतायी हैं। लेकिन सरकार की ओर से निर्यात के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इससे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। गुजरात में जीतने भी फूलों का उत्पादन होता है इसके 59 फीसदी मध्य गुजरात के 6 जिलों में होता हैं। सबसे अधिक फूल नवसारी, आणंद, वलसाड, वडोदरा, अहमदाबाद में होता हैं।
किसानों की सफलता
गुजरात में ग्रीन हाउस के कारण फूलों का फसल की मात्रा बढ़ी हैं, जिससे निर्यात भी बढ़ा हैं। गत 10 वर्ष में फूलों का उत्पादन में 130 फीसदी वृद्धि हुई है। सबसे बड़ा बाजार गुलाब, मेरीगोल्ड, मोगरा और लीली का हैं। किसान गुलाब की खेती में पीछे रह जाते हैं। निर्यात के पर्याप्त साधन के अभाव से स्थानीय जरुरत के मुताबिक खेतों में फसल लगाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि 78 फीसदी बुआई बढ़ी है। इसके सामने प्रति हेक्टर उत्पादन बढऩे से उत्पादन 130 फीसदी बढ़ा हैं। गुजरात में दो लाख टन फूल का उत्पादन हो रहा है, जो गुजरात के लोगों की खरीदी शक्ति ज्यादा होने और निर्यात बढऩे का प्रमाण हैं। गुजरात के लोगों की समृद्धि बढऩे से फूलों का चलन बढ़ा हैं।
फूलों की खेती कहां? और कितनी बढ़ी?
2008-09 में 11473 हेक्टर में फूलों की फसल होती थी, जो बढक़र 20497 हेक्टर 2018-19 में हो गया। इसमें 9024 हेक्टर की वृद्धि हुई है। जो 78 फीसदी के फसल में 10 वर्ष में वृद्धि दर्शाता हैं। 2019-20 में जो बढक़र 20,378 हेक्टर विस्तार में बगीचे थे। बुआई में गिरावट आयी है, लेकिन उत्पादन बढ़ा हैं।
फूलों का उत्पादन
2008-09 में 85216 टन फूलों की फसल होती थी। जो 10 वर्ष में 2018-19 में बढक़र 195856 टन हो गई। फूलों के उत्पादन में 10 वर्ष में 130 फीसदी व़द्धि हुई। फूलों के बगीचों की उत्पादकता बढ़ी हैं। लेकिन 2019-20 में बढक़र 1.96 लाख टन हो गई। 9.62 टन फूल एक हेक्टर में होते हैं। किसानों को सफलता मिली हैं, लेकिन सरकार उन्हें मदद नहीं की।

कहां कितना निर्यात
ग्रीन हाउस खेती में गुणवत्ता वाले गुलाब, जर्बेरा, कार्नेशन ग्लेडियोलस, ऑर्किड, एन्युरियम, जीप्सोफिला आदि जाति के फूलों का उत्पादन करके आंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात किया जाता है। युएसए 27 प्रतिशत, नेदलैंड 14 प्रतिशत, जापान 13 प्रतिशत, जर्मनी 6 प्रतिशत फूलों की निर्यात होती हैं। सुके हुए फूलों के निर्यात में भारत ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण आफ्रिका के बाद तीसरे नंबर पर हैं।
स्टोरेज सुविधा से बढ़ी खेती
कटाई के बाद कट्फ्लावर्स केा स्टोरेज में शीतागार में रखना जरुरी है। फूलों के संग्रह, परिवहन और उपयोग दौरान अच्छे से टिक पाए ऐसे रासायनिक दिए जाते हैं। राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय बाजार में नीति नियमों के मुताबिक ग्रेडिंग करना पड़ता है। अच्छे पैकिंग, बुके, बटन हॉल, फ्लोरल एरेन्जमेन्ट, हार, गजरा बनाकर दोगुनी कमाई कर सकते हैं।
विश्व में तेल और अर्क का बाजार
सुगंधीत फूलों से बाष्पशील तेल या अर्क निकालकर परफ्युम और औषधीय उपयोग के लिए खेती में उत्पादन किया जा सकता हैं। फूलों को सुका कर फ्लोरल क्राफ्टस की अच्छी मांग हैं। आणंद कृषि विश्व विद्यालय के वनस्पति विभाग ने फूलों के लिए ऐसी सिफारिस की है। निर्यात में कटफ्लावर्स, बीज, फूल के पौंधे से निकाजे गए सुगंधी तेल या अर्क आदि के रुप में विदेश में निर्यात होता हैं।