गुजराती विद्यार्थियों ने कबाड़ से बनाई इलेक्ट्रिक कार, एक बार चार्ज करने पर चलती है 30 किमी
देश में प्रदूषण को कम करने और ई-वाहनों में तेजी लाने के लिए कई पहलुओं पर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ई-वाहन चलाने की तैयारी कर रही है। उसी दिशा में काम करते हुए गुजरात के इंजीनियरिंग छात्रों ने एक ई-कार भी विकसित की है। सुरेंद्रनगर सीयू शाह यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में पढ़ने वाले छात्रों ने स्क्रैप (कबाड़) से ई-कार तैयार की है जो एक बार चार्ज होने पर 30 किमी तक चलती है। छात्रों ने कबाड़ से एक कार लाकर बैटरी और कंट्रोलर सहित वस्तुओं के साथ फिटिंग करके ई-कार बनाई है। इस परियोजना पर लगभग 50,000 रुपये खर्च किए गए हैं। आपको बता दें कि छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों आकाश जादव, नवदीप डोडिया, धर्मिक पटडिया, क्रुणाल रावल ने इस कार को गाइड भावेश रावल के मार्गदर्शन में तैयार किया है। इस ई-कार को एक अध्ययन परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। अपने इस परियोजना में छात्रों ने पहले स्क्रैप से एक कार खरीदी। फिर बैटरी और कंट्रोलर जैसी चीजों को जोड़कर छह […]

देश में प्रदूषण को कम करने और ई-वाहनों में तेजी लाने के लिए कई पहलुओं पर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ई-वाहन चलाने की तैयारी कर रही है। उसी दिशा में काम करते हुए गुजरात के इंजीनियरिंग छात्रों ने एक ई-कार भी विकसित की है। सुरेंद्रनगर सीयू शाह यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में पढ़ने वाले छात्रों ने स्क्रैप (कबाड़) से ई-कार तैयार की है जो एक बार चार्ज होने पर 30 किमी तक चलती है। छात्रों ने कबाड़ से एक कार लाकर बैटरी और कंट्रोलर सहित वस्तुओं के साथ फिटिंग करके ई-कार बनाई है। इस परियोजना पर लगभग 50,000 रुपये खर्च किए गए हैं।
आपको बता दें कि छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों आकाश जादव, नवदीप डोडिया, धर्मिक पटडिया, क्रुणाल रावल ने इस कार को गाइड भावेश रावल के मार्गदर्शन में तैयार किया है। इस ई-कार को एक अध्ययन परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। अपने इस परियोजना में छात्रों ने पहले स्क्रैप से एक कार खरीदी। फिर बैटरी और कंट्रोलर जैसी चीजों को जोड़कर छह महीने के संघर्ष के बाद, उन्होंने इसे पेट्रोल या डीजल का उपयोग किए बिना बिजली की मदद से चलने लायक बनाया। कार को चलाने के लिए बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। खास बात यह है कि एक बार चार्ज करने पर यह कार 30 किमी तक चल सकती है। इसकी अधिकतम गति 30 से 35 किमी प्रति घंटा है। बैटरी को चार्ज करने में लगभग दो घंटे लगते हैं। छात्र के मार्गदर्शक भावेश रावल ने कहा कि स्क्रैप कार को ई-कार के रूप में तैयार करने में तकनीक से बहुत मदद मिलेगी। इससे नई ई-कार भी बनाई जा सकती है। साथ ही वाहन को विद्युत वाहन के रूप में विकसित करना संभव होगा।
गौरतलब है कि यह कॉन्सेप्ट पेट्रोल और डीजल से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाएगा। हालाँकि इस प्रकार की अवधारणाएँ बहुत अनूठी हैं। इससे पहले, एलडी कॉलेज के छात्रों ने इसी तरह की एक छोटी कार बनाई थी। जिसे बाद में विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया। कार की खास बात यह है कि इसमें हेडलाइट्स के बदले एलईडी लगाया गया था।