गुजरात : फर्जी साटाखत और पावर ऑफ एटर्नी से होने वाले घोटाले अब रुकेंगे
कुछ लोग तो इस मामले में रातों-रात करोड़पति बन गए राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए एक परिपत्र के अनुसार अब से पावर ऑफ अटॉर्नी को अनिवार्य ढंग से सब रजिस्टार के कार्यालय में दस्तावेज की तरह ही वीडियोग्राफी कर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। अब नकली साटाखत और पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर होने वाले करोड़ों रुपए के घोटाले पर ब्रेक लग जाएगी। सूरत शहर राज्य की आर्थिक राजधानी गिनी जाती है। शहर में बीते दो दशक में रियल स्टेट में खूब तेजी आई है। इसके कारण राज्य सरकार की आवक में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ नकली पावर आफ एटर्नी और साटाखत के आधार पर जमीनों में भी करोड़ों के खेल हुए हैं। सूरत में जमीनों के भाव आसमान पर चढ़ गए हैं। इसके कारण कई चीटर्स की नीयत बिगड़ गई है और उन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के नाम पर जमीन हड़प लेने से लेकर कई बड़े-बड़े खेल कर रहे हैं। कुछ लोग तो इस मामले में रातों-रात करोड़पति बन गए। पावर ऑफ अटॉर्नी के कारण कई लोग रोड पर आ गए हैं। क्योंकि नोटराइज पावर ऑफ अटॉर्नी […]
कुछ लोग तो इस मामले में रातों-रात करोड़पति बन गए
राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए एक परिपत्र के अनुसार अब से पावर ऑफ अटॉर्नी को अनिवार्य ढंग से सब रजिस्टार के कार्यालय में दस्तावेज की तरह ही वीडियोग्राफी कर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। अब नकली साटाखत और पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर होने वाले करोड़ों रुपए के घोटाले पर ब्रेक लग जाएगी।
सूरत शहर राज्य की आर्थिक राजधानी गिनी जाती है। शहर में बीते दो दशक में रियल स्टेट में खूब तेजी आई है। इसके कारण राज्य सरकार की आवक में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ नकली पावर आफ एटर्नी और साटाखत के आधार पर जमीनों में भी करोड़ों के खेल हुए हैं।
सूरत में जमीनों के भाव आसमान पर चढ़ गए हैं। इसके कारण कई चीटर्स की नीयत बिगड़ गई है और उन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के नाम पर जमीन हड़प लेने से लेकर कई बड़े-बड़े खेल कर रहे हैं। कुछ लोग तो इस मामले में रातों-रात करोड़पति बन गए। पावर ऑफ अटॉर्नी के कारण कई लोग रोड पर आ गए हैं। क्योंकि नोटराइज पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर चीटर लोग बड़ी-बड़ी चीटिंग करने से नहीं कतराते।
अब सरकार ने पावर ऑफ अटॉर्नी को भी रजिस्टर्ड कराने का नियम बना दिया है। इसके साथ ही साथ इसको भी रजिस्ट्रार कार्यालय में वीडियोग्राफी कराकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कोर्ट में बताया जा रहा है कि जमीनों के हड़पने की हरकतों से खेती की जमीनों में कमी आएगी। एडवोकेट उपाध्याय ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार की ओर से किया गया परिवर्तन बहुत ही सकारात्मक है। भविष्य में इसके असर देखने को मिलेंगे। जमीनों के सिविल केस कम होंगे।
विदेश से आनेवाले पॉवर ऑफ एटर्नी भी शामिल
नए नियम के अनुसार विदेश से आने वाले पावर ऑफ एटर्नी को नोटरी के आधार पर मान्य रखा जाएगा। इसके लिए स्टैंप ड्यूटी में पावर आफ एटर्नी को वेरीफाई करने के बाद मान्यता दी जाएगी। 5 वर्ष पहले भी यह परिपत्र जारी हुआ था। लेकिन कुछ विवाद के कारण रद्द कर देना पड़ा।
पॉवर ऑफ एटर्नी का रजिस्ट्रेशन जरूरी
एडवोकेट प्रणव उपाध्याय ने बताया कि राज्य सरकार नए रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 में परिवर्तन करते हुए अबसे रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 में नए नियम लागू किए हैं। अबसे स्थिर संपत्ति संबंधित मालिकी का रजिस्ट्रेशन सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में कराना पड़ेगा। इस दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी को जीवित होने का सबूत देना पड़ेगा। दोनों पक्षकारों को ऑनलाइन उपस्थित रहना होगा। वीडियोग्राफी और अंगूठे के निशान के बाद ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।