गुजरात : जानें वडोदरा सेंट्रल जेल की एक और नई पहल के बारे में
शुद्ध और जैविक खेती का किया शुभारंभ कैदी सुधार और कल्याण के भाग रूप वडोदरा सेंट्रल जेल द्वारा नित नई पहल का किया जा रहा है। हाल में जेल के पीछे की जेल मालिकी की जगह खेती के लिए उपयोग की जाती है। जहां टपक सिंचाई की सुविधा कर कैंदियों की मदद से पानी की बचत और मिट्टी में सुधार के साथ सिंचाई की खेती शुरू की गई थी। अब इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए, शुद्ध और सात्विक जैविक खेती की शुरुआत की गई है। यहां याद रहे कि गुजरात सरकार ने जैविक खेती प्रोत्साहक नीति शुरु की है। यह सरकारी नीति के अनुरुप कदम है। इस बारे में जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक बलदेवसिंह वाघेला ने कहा कि जेल वाडी में बड़ी मात्रा में संयंत्र और सूखा जैविक कचरा एकत्र किया जाता है, जिससे खाद बन रही है। इस कचरे के अलावा, गोमूत्र, गुड़, गोबर और आटे के मिश्रण का उपयोग तरल जैविक खाद बनाने के लिए किया जाता है जो कृषि के लिए पोषक होगा। इस प्रकार इस पहल ने जेल खेती को जैविक और शुद्ध बना […]

शुद्ध और जैविक खेती का किया शुभारंभ
कैदी सुधार और कल्याण के भाग रूप वडोदरा सेंट्रल जेल द्वारा नित नई पहल का किया जा रहा है। हाल में जेल के पीछे की जेल मालिकी की जगह खेती के लिए उपयोग की जाती है। जहां टपक सिंचाई की सुविधा कर कैंदियों की मदद से पानी की बचत और मिट्टी में सुधार के साथ सिंचाई की खेती शुरू की गई थी।
अब इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए, शुद्ध और सात्विक जैविक खेती की शुरुआत की गई है। यहां याद रहे कि गुजरात सरकार ने जैविक खेती प्रोत्साहक नीति शुरु की है। यह सरकारी नीति के अनुरुप कदम है। इस बारे में जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक बलदेवसिंह वाघेला ने कहा कि जेल वाडी में बड़ी मात्रा में संयंत्र और सूखा जैविक कचरा एकत्र किया जाता है, जिससे खाद बन रही है।
इस कचरे के अलावा, गोमूत्र, गुड़, गोबर और आटे के मिश्रण का उपयोग तरल जैविक खाद बनाने के लिए किया जाता है जो कृषि के लिए पोषक होगा। इस प्रकार इस पहल ने जेल खेती को जैविक और शुद्ध बना दिया है। जेल की इस पहल से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी।