गुजरात : चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी दिवाली बोनस मिलने से खुश, लेकिन कर्मचारियों का ये वर्ग है नाराज
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में नर्सिंग-धुलाई भत्ते पर रोक और दिवाला बोनस नहीं मिलने पर नाराजगी दिवाली नजदीक आते ही राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 3,500 रुपये के बोनस की घोषणा की है। इसके अलावा, उन्हें सरकार द्वारा 3 महीने के महंगाई भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा जारी एक बयान में दी गई है। राज्य सरकार की घोषणा से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त है। इन सभी कर्मचारियों की नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें नर्सिंग भत्ता और धुलाई भत्ता मिलने से रोक दिया गया है। एक ओर 12 लाख कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा बोनस की घोषणा और तीन महीने के महंगाई भत्ते के मिलने से खुश हैं, लेकिन दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के 11 लाख कर्मचारी सरकार के फैसले से असंतुष्ट हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के नर्सिंग भत्ते और धुलाई भत्ते को राज्य सरकार ने एक महीने पहले रोक दिया था। पहले […]

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में नर्सिंग-धुलाई भत्ते पर रोक और दिवाला बोनस नहीं मिलने पर नाराजगी
दिवाली नजदीक आते ही राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 3,500 रुपये के बोनस की घोषणा की है। इसके अलावा, उन्हें सरकार द्वारा 3 महीने के महंगाई भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा जारी एक बयान में दी गई है। राज्य सरकार की घोषणा से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त है। इन सभी कर्मचारियों की नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें नर्सिंग भत्ता और धुलाई भत्ता मिलने से रोक दिया गया है। एक ओर 12 लाख कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा बोनस की घोषणा और तीन महीने के महंगाई भत्ते के मिलने से खुश हैं, लेकिन दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के 11 लाख कर्मचारी सरकार के फैसले से असंतुष्ट हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के नर्सिंग भत्ते और धुलाई भत्ते को राज्य सरकार ने एक महीने पहले रोक दिया था। पहले इन कर्मचारियों को धुलाई, रिस्क और नर्सिंग भत्ते के तौर पर 1,500 रुपये का भुगतान किया जाता था। बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों ने 11 महीने पहले महंगाई भत्ते के लिए आंदोलन किया था। जिसके कारण सरकार ने महंगाई भत्ते में 210 रुपये की बढ़ोतरी की थी। परंतु 6 महीने तक भत्ता देने के बाद महंगाई भत्ते को रोक दिया गया।
ऑल गुजरात नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष विपुल सिंह चावड़ा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को बोनस की घोषणा के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की फिर से अनदेखी की जा रही है। कोरोना वॉरियर्स के रूप में हम से अन्याय हुआ है। अब इस बोनस जैसे मामलों में भी सरकार द्वारा अन्याय किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को 44,000 रुपये का वेतन दिया जाता है, लेकिन गुजरात में शुरुआती वेतन 13,000 रुपये ही दिया जाता है।