गुजरात : पर्यटन विविधताओं के चलते गुजरात बना ‘ग्लोबल च्वाइस फॉर टूरिज्म’: मुख्यमंत्री
पर्यटन वृद्धि – पर्यावरण समृद्धि’ का अनूठा समन्वय, सीएम ने किया नई पर्यटन नीति 2021-25 का ऐलान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वैश्विक विकास के रोल मॉडल बने गुजरात को ‘ग्लोबल च्वाइस फॉर टूरिज्म’ के तौर पर विश्व पर्यटन मानचित्र में स्थापित करने की मंशा के साथ गुजरात की नई पर्यटन नीति 2021-25 की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने इस नई पर्यटन नीति 2021-25 के अंतर्गत राज्य में पर्यटन वृद्धि के साथ पर्यावरण समृद्धि का अनूठा दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा घोषित यह नई पर्यटन नीति 1 जनवरी, 2021 से 31 मार्च, 2025 की अवधि तक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को गांधीनगर में पर्यटन मंत्री जवाहरभाई चावड़ा और राज्य मंत्री वासणभाई आहिर की मौजूदगी में गुजरात पर्यटन नीति- 2021-25 की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस नई पर्यटन नीति के तहत राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में नए निवेश और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने नई पर्यटन नीति का ऐलान करते हुए यह स्पष्ट किया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के साथ इस नई पर्यटन नीति […]

पर्यटन वृद्धि – पर्यावरण समृद्धि’ का अनूठा समन्वय, सीएम ने किया नई पर्यटन नीति 2021-25 का ऐलान
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वैश्विक विकास के रोल मॉडल बने गुजरात को ‘ग्लोबल च्वाइस फॉर टूरिज्म’ के तौर पर विश्व पर्यटन मानचित्र में स्थापित करने की मंशा के साथ गुजरात की नई पर्यटन नीति 2021-25 की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने इस नई पर्यटन नीति 2021-25 के अंतर्गत राज्य में पर्यटन वृद्धि के साथ पर्यावरण समृद्धि का अनूठा दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा घोषित यह नई पर्यटन नीति 1 जनवरी, 2021 से 31 मार्च, 2025 की अवधि तक लागू रहेगी।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को गांधीनगर में पर्यटन मंत्री जवाहरभाई चावड़ा और राज्य मंत्री वासणभाई आहिर की मौजूदगी में गुजरात पर्यटन नीति- 2021-25 की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस नई पर्यटन नीति के तहत राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में नए निवेश और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने नई पर्यटन नीति का ऐलान करते हुए यह स्पष्ट किया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के साथ इस नई पर्यटन नीति के जरिए ‘वोकल फॉर लोकल’ सहित स्थानीय रोजगार और संतुलित प्रादेशिक विकास की हमारी मंशा है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर से गुजरात की यात्रा पर आने वाले सैलानियों को श्रेष्ठ सुविधाएं और पर्यटन का बेहतरीन अनुभव प्रदान कर पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी करने में यह नई नीति उपयुक्त साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात विविधताओं से भरे पर्यटन आकर्षणों के साथ दुनियाभर के पर्यटकों को अनूठे अनुभवों की अपार संभावनाएं प्रदान करता है। गुजरात में वन्य जीवों के अभयारण्य, हिल रिसोर्ट्स, प्राकृतिक आकर्षण और वैश्विक मान्यता प्राप्त धरोहर स्थल मौजूद हैं। इसके अलावा, सदियों पुराने शिल्प, हस्तकला, कलाकृतियां और विभिन्न मेले और त्यौहार राज्य को सांस्कृतिक नजरिये से समृद्ध बनाते हैं। इसके साथ ही गुजरात में स्थित कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल पूरी दुनिया के सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हैं।
उन्होंने कहा कि केवड़िया स्थित विश्व की सबसे ऊंची सरदार प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’, पूरी दुनिया में एशियाई बब्बर शेरों का एकमात्र ठिकाना यानी ‘गिर फॉरेस्ट’, यूनेस्को द्वारा घोषित भारत की पहली वर्ल्ड हेरिटेज सिटी अहमदाबाद, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम ‘सरदार पटेल गुजरात स्टेडियम’, साबरमती रिवरफ्रंट से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक भारत की पहली सी-प्लेन सर्विस और भारत का पहला ब्लू फ्लैग बीच का दर्जा प्राप्त करने वाला ‘शिवराजपुर बीच’, भारत-पाक सरहद पर रोमांचित करने वाला सीमा दर्शन कार्यक्रम तथा सोमनाथ, द्वारका और अंबाजी जैसे मशहूर तीर्थ स्थलों सहित भरपूर पर्यटन आकर्षण गुजरात की अनोखी शान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के धरोहर स्थलों, राजा-रजवाड़ों के महल, झरोखों आदि को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हाल ही में हमने हेरिटेज टूरिज्म पॉलिसी भी घोषित की है। ऐसे तमाम विभिन्न पर्यटन आकर्षणों के कारण पिछले कई वर्षों के दौरान गुजरात की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। गत 9 वर्षों में यानी कि 2009 से 2018 के दौरान पर्यटकों की संख्या 15 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी है, जो भारत आने वाले कुल पर्यटकों की 12 फीसदी की वृद्धि दर को भी पार कर गई है। स्थानीय पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में गुजरात शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में शामिल है।
अतिथी देवो भवः’ का सनातन संस्कृति भाव साकार कर गुजरात को विश्व पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी बनाने की अभिलाषा
‘अतिथि देवो भवः’ के सूत्र को ध्यान में रखते हुए गुजरात की यात्रा पर आने वाले सभी सैलानियों को एक सुरक्षित, आरामदायक और अद्भुत पर्यटन का अविस्मरणीय एहसास प्रदान कर पर्यटक केंद्रित दृष्टिकोण के जरिए गुजरात को एक सुरक्षित पर्यटन स्थल बनाना इस नीति का मकसद है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर एक समर्पित गुजरात टूरिज्म डेस्क स्थापित किया जाएगा और पर्यटकों को गुजरात टूरिज्म कार्ड्स या ई-वाउचर प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात पर्यटन नीति 2021-25 के जरिए केंद्र सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ के लक्ष्य को प्रोत्साहन देकर गुजरात की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते अनोखे लेकिन कम खोजे गए प्रोडक्ट का प्रमोशन किया जाएगा। विदेशी सैलानियों द्वारा स्थानीय हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की खरीदी को प्रोत्साहन देने के लिए इस नीति के अंतर्गत पर्यटन विभाग गुजरात राज्य हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट विकास निगम लिमिटेड के साथ एमओयू करेगा। इसके अलावा, डिजिटल मीडिया के माध्यम से ऐसे उत्पादों की मार्केटिंग और प्रमोशन के लिए राज्य सरकार हितधारकों को सहयोग देगी और मार्केटिंग के लिए गुजरात राज्य पर्यटन निगम की वेबसाइट का मंच भी प्रदान करेगी।
सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि इस नीति के अंतर्गत राज्य में टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया जाएगा। गुजरात की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को आरामदायक सहूलियतें और सेवाएं मुहैया कराने के लिए होटल, कन्वेंशन सेंटर्स, वेसाइड एमिनिटिज तथा अन्य पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी के मकसद से राज्य सरकार होटलों, रिसोर्ट्स और टूर ऑपरेटरों को टूरिस्ट गाइड की नियुक्ति में सहयोग करेगी। इसके तहत होटल या रिसोर्ट्स को टूरिस्ट गाइड नियुक्त करने के लिए प्रतिमाह प्रतिव्यक्ति अधिकतम 4000 रुपए की वित्तीय सहायता 6 महीने तक राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह नीति पर्यटन के क्षेत्र में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी कारोबारी सुगमता को भी बढ़ावा देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पर्यटन नीति 2021-25 का मुख्य उद्देश्य सस्टेनेबल टूरिज्म यानी सतत पर्यटन को प्रोत्साहन देना और गुजरात को प्रदूषण रहित पर्यटन स्थल बनाना है। इसके लिए नई नीति के तहत विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की गई है जिसमें ई-वाहन की खरीदी पर 15 फीसदी की कैपिटल सब्सिडी, ई-वाहनों के लिए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करने के लिए 25 फीसदी कैपिटल सब्सिडी, ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए भुगतान किए गए शुल्क का 50 फीसदी रीएम्बर्समेंट यानी भरपाई तथा टूर ऑपरेटरों के लिए इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन हासिल करने के लिए भुगतान किए गए शुल्क का 50 फीसदी रीएम्बर्समेंट आदि का समावेश होता है।
इसके अलावा, राज्य में कारवां टूरिज्म को बढ़ावा देने, गुजरात की समृद्ध संस्कृति को उजागर करते विभिन्न ग्रामीण मेलों का आयोजन करने, हाई प्रायोरिटी टूरिज्म सेंटर अर्थात उच्च प्राथमिकता पर्यटन केंद्र का विकास करने, एमआईसीई इवेंट (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) के लिए गुजरात को पसंदीदा स्थल बनाने, एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में युवा पर्यटकों को आकर्षित करने तथा राज्य के विभिन्न नदी और सरोवर में रिवर क्रूज टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए कैपिटल सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायताओं की घोषणा की गई है।
होटल, रिसोर्ट्स, कन्वेंशन सेंटर्स, वेलनेस रिसोर्ट्स, थीम पार्क और एम्यूजमेंट पार्क, टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, भूंगा (कच्छ की पारंपरिक झोपड़ी)/कॉटेज/लॉग हट तथा टूर ऑपरेटरों के लिए भी विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा इस नीति में की गई है।