गुजरात के व्यापारी तेजी से बदल रहे हैं अपना व्यवसाय, जानें कौन क्या कर रहा है
कपड़े के छोटे व्यापारियों ने भी बिजनेस बदला है कोरोना संक्रमण के कारण गुजरात में लोगों का व्यवसाय-रोजगार छीन रहा है। कोरोना के कारण बड़ी कंपनियों को अपने उत्पादनों को बेचने में परेशानी हो रही है। ऐसे में रिटेल में बिजनेस करनेवाले व्यापारियों की दुकानें और स्टोर्स खाली पड़ी हैं। लोगों की खरीदशक्ति बदल गई है। उनका सिर्फ जीवन आवश्यक चीज-वस्तुओं की तरफ ध्यान खिंचा है। जिससे कई व्यापारी इस दिशा की ओर मुड़े हैैं। जिनके पास इनोवेटिव आइडिया है उनका ऑनलाइन बिजनेस की तरफ झुकाव है। इस बिजनेस में वे वॉट्सएप जैसे माध्यम से डिलीवरी कर रहे हैं। विशेष तौर पर कपड़ा उद्योग में मंदी अधिक है। कपड़े के छोटे व्यापारियों ने भी बिजनेस बदला है और वे ग्रोसरी मार्केट की तरफ मुड़े हैं। कुछ व्यापारियों ने तो सब्जी का बिजनेस शुरु किया है। राज्य के उद्योगों के संबंध में सर्वेक्षण करनेवाली संस्थाओं के आंकड़े के अनुसार गुजरात में अभी पांच लाख एमएसएमई यूनिट में से 75000 जितनी यूनिटों के संचालक अपना बिजनेस रिशफल करने की तैयारी कर रहे हैं। इन युनिटों में से 2500 से अधिक संचालकों द्वारा […]

कपड़े के छोटे व्यापारियों ने भी बिजनेस बदला है
कोरोना संक्रमण के कारण गुजरात में लोगों का व्यवसाय-रोजगार छीन रहा है। कोरोना के कारण बड़ी कंपनियों को अपने उत्पादनों को बेचने में परेशानी हो रही है। ऐसे में रिटेल में बिजनेस करनेवाले व्यापारियों की दुकानें और स्टोर्स खाली पड़ी हैं। लोगों की खरीदशक्ति बदल गई है। उनका सिर्फ जीवन आवश्यक चीज-वस्तुओं की तरफ ध्यान खिंचा है। जिससे कई व्यापारी इस दिशा की ओर मुड़े हैैं।
जिनके पास इनोवेटिव आइडिया है उनका ऑनलाइन बिजनेस की तरफ झुकाव है। इस बिजनेस में वे वॉट्सएप जैसे माध्यम से डिलीवरी कर रहे हैं। विशेष तौर पर कपड़ा उद्योग में मंदी अधिक है। कपड़े के छोटे व्यापारियों ने भी बिजनेस बदला है और वे ग्रोसरी मार्केट की तरफ मुड़े हैं। कुछ व्यापारियों ने तो सब्जी का बिजनेस शुरु किया है।
राज्य के उद्योगों के संबंध में सर्वेक्षण करनेवाली संस्थाओं के आंकड़े के अनुसार गुजरात में अभी पांच लाख एमएसएमई यूनिट में से 75000 जितनी यूनिटों के संचालक अपना बिजनेस रिशफल करने की तैयारी कर रहे हैं। इन युनिटों में से 2500 से अधिक संचालकों द्वारा अपने मुख्य व्यवसाय को अन्य व्यवसाय में डायवर्ट किया गया है। यह प्रक्रिया अभी फिलहाल जारी ही है।

व्यापार बदलने के कारणों में कोरोना संक्रमण के कारण आई मंदी, ग्राहकों की खरीदशक्ति में परिवर्तन, अनुभवी कर्मचारियों और मजदूरों की कमी, वित्तीय संकट, बैंकों की कड़ाई और ग्राहकों का अभाव जवाबदार है।
गुजरात में आधारभूत सेक्टर समान टेक्सटाइल, गारमेन्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, आयात-निर्यात, एफएमसीजी, टूरिज्म, होटल-फूड इण्डस्ट्रीज तथा ज्वेलरी सेक्टर की कई कंपनियां ऑनलाइन बिजनेस, ग्रोसरी, वेजिटेबल्स-फ्रू ट, पीपीई किट, ग्लोव्स-मास्क, सेनेटाइजर के उत्पादन की तरफ डायवर्ट हुई हैं।
होटल और रेस्टोरेन्ट में फिलहाल ग्राहकों की तेजी आने जैसी संभावना नहीं दिख रही है जिससे होटल और रेस्टोरंट बिजनेस में संचालकों द्वारा भी होम डिलीवरी का विकल्प पसंद किया गया है।
लॉकडाउन खुलने के बाद जिन कंपनियों द्वारा बिजनेस रिशफल किया गया है वे कंपनियां शॉट टर्म में प्रोफिटेबल बन गई हैं। इतना ही नहीं बिजनेस में लाभ होने से पुराना बिजनेस भी जारी ही है। ऐसा अनुमान है कि बिजनेस बदलने की प्रक्रिया अभी एक वर्ष तक और चलेगी।
कोरोना संक्रमण के कारण सबसे अधिक जिन्हें नुकसान हुआ है ऐसे कोचिंग क्लास और ट्युशन क्लास के संचालक हैं। वे अब ऑनलाइन क्लास चलाने का विकल्प अपना रहे हैं। ये विकल्प जो छात्र पसंद करते हैं उन्हें संचालकों द्वारा फीस में भारी डिस्काउन्ट देने का भी विचार किया गया है।