अहमदाबाद : आतंकी ने जिस सिविल अस्पताल में बम धमाके किये वहीं के डॉक्टरों ने कोरोना से जान बचाई

वर्ष 2008 में 26 जुलाई को गुजरात के अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था। जिसमें कई लोग मारे गए थे। अब इस घटना के 12 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। वो समय था जब आतंकवाद के खिलाफ लोगों में आक्रोश था।
अब समय बदला है। अभी कोरोना का आतंक है। ऐसे में अहमदाबाद सिविल अस्पताल में आतंकवाद का डर फैलानेवाला आतंकी आज कोरोनाग्रस्त है। इस कोरोना के मरीज का उपचार करके चिकित्सकों ने अपना धर्म निभाया है। साथ ही एक आतंकवादी को भी अहसास हुआ है कि उसने निर्दोष लोगों की हत्याएं करके पाया कुछ नहीं है।
गुजरात के साबरमती जेल में आतंकी संगठन के सजायाफ्ता कैदियों में से एक मोहम्मद जावेद शेख को 25 दिन पहले कोरोना होने का पता चला। जावेद शेख को अहमदाबाद सिविल के 1200 बेड के कोरोना उपचार केन्द्र में विशेष व्यवस्था करके उपचार दिया गया।
चिकित्सकों और सिविल के स्टाफ ने लगातार 25 दिन तक राउन्ड-द-क्लॉक उपचार देकर जावेद शेख को लगभग कोरोना मुक्त कर दिया है और एक-दो दिन में सिविल अस्पताल से उपचार देकर उसे फिर साबरमती जेल में आइसोलेट के लिए भेजा जा सकता है।
पुलिस सूत्रों की जानकारी के अनुसार अहमदाबाद और देश में सिलसिलेवार बम धमाके करनेवाले इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी द्वारा देश को दहलाने की साजिश रची गई थी। इस आतंकी संगठन ने वर्ष 2008 में सीरियल ब्लास्ट किया था। उस समय अहमदाबाद सिविल अस्पताल में महाविस्फोट में 35 लोगों ने जान गंवाई थी।
इसी समूह का एक आतंकवादी कोरोनाग्रस्त होने पर सिविल में भर्ती हुआ। यह वही सिविल अस्पताल थी जिसे उसने वर्ष 2008 में दहलाया था लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों और चिकित्सकों ने फिर भी इसका उपचार किया। इस प्रकार मानवता की महक फैलाई है।
वर्ष 2008 के सिलसिलेवा बम धमाकों के केस का आरोपी मोहम्मद जावेद मोहम्मद हबीब शेख को जून के पहले सप्ताह के दौरान सांस लेने में तकलीफ हुई थी और बुखार आ रहा था। जेल के अंदर बनाई गई अस्पताल में उसका उपचार किया गया। फिर भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ।
जिससे उसका कोरोना टेस्ट कराया गया। कोरोना का रिपोर्ट पॉजिटिव आने से उसे तुरंत सिविल अस्पताल (जहां ब्लास्ट करके 35 लोगों की हत्या का आरोप है वहीं) उसे उपचार हेतु भर्ती किया गया।
जावेद भर्ती हुआ तब उसकी स्थिति खराब थी। जिससे उसे सिविल अस्पताल के आईसीयु में भर्ती किया गया था। जहां पिछले 25 दिन से नर्सों, चिकित्सकों समेत अन्य लोग उसका उपचार कर रहे हैं।
फिलहाल मोहम्मद जावेद की तबीयत स्थिर है और चिकित्सकों के साथ बातचीत भी कर रहा है। थोड़े दिन बाद उसे सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
आतंकी ने कहा- निर्दोष हूं सिविल के चिकित्सकों के कारण ही जान बची
सूत्रों की जानकारी के अनुसार आतंकी सिविल के चिकित्सकों द्वारा की गई उपचार से खुश है और चिकित्सकों को कह रहा है आपके कारण ही मेरी जान बची है। वह चिकित्सकों से अच्छी तरह से बातें कर रहा है। वह बार-बार यही कह रहा है कि वह निर्दोष है।