गुलबर्ग केस : गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज की
अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात हाईकोर्ट ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में दाखिल की गई जाकिया जाफरी की याचिका को रद्द कर दिया है। जाकिया जाफरी ने गुलबर्ग हत्याकांड केस में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य को दी गई क्लीन चिट को अदालत में चुनौती दी थी। जाकिया ने याचिका में मांग की थी कि वर्ष 2002 के गुलबर्ग हत्याकांड में 59 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं। निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने आज जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी और इसमें किसी बड़ी साजिश के आरोप को मानने से भी इंकार कर दिया| गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया से कहा है कि वो चाहें तो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती हैं। हाईकोर्ट के न्यायधीश ने दंगों के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश के आरोपों के संबंध में मोदी और अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को सही ठहराया। याचिका में अनुरोध किया गया था कि मोदी और पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ […]
अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात हाईकोर्ट ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में दाखिल की गई जाकिया जाफरी की याचिका को रद्द कर दिया है। जाकिया जाफरी ने गुलबर्ग हत्याकांड केस में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य को दी गई क्लीन चिट को अदालत में चुनौती दी थी। जाकिया ने याचिका में मांग की थी कि वर्ष 2002 के गुलबर्ग हत्याकांड में 59 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं। निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने आज जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी और इसमें किसी बड़ी साजिश के आरोप को मानने से भी इंकार कर दिया| गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया से कहा है कि वो चाहें तो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती हैं। हाईकोर्ट के न्यायधीश ने दंगों के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश के आरोपों के संबंध में मोदी और अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को सही ठहराया। याचिका में अनुरोध किया गया था कि मोदी और पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित 59 अन्य लोगों को उस कथित षड्यंत्र में संलिप्तता का आरोपी बनाया जाए, जिसके कारण दंगे हुए थे।
इस याचिका में उच्च न्यायालय से मामले की जांच नये सिरे से कराने का आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है। जाकिया जाफरी कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी हैं, जो गुलबर्ग सोसायटी में हुई हिंसा में मारे गए थे| इस हत्याकांड में पीएम मोदी को आरोपी बनाने की मांग करते हुए जाकिया जाफरी और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ ने एसआईटी की क्लीन चिट को बरकरार रखने वाले आदेश के खिलाफ अदालत में आपराधिक समीक्षा याचिका दायर की थी।
गौरतलब है गुजरात के गोधरा में ट्रेन अग्निकांड की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को लोगों की भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला कर दिया था, जिसमें कांग्रेस नेता जाफरी सहित 68 लोग मारे गये थे। ट्रेन में आगजनी की घटना के बाद गुजरातभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे| एसआईटी ने 8 फरवरी 2012 को दाखिल अपनी क्लोजर रिपोर्ट में मोदी समेत अन्य लोगों को क्लीन चिट दी है। दिसंबर 2013 में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जकिया 2014 में उच्च न्यायालय पहुंची।