आम जनता के लिए क्या रहेगी कोरोना की कीमत? सीरम इंस्टिट्यूट ने दी इसके बारे में जानकारी
लम्बे समय से कोरोना का इलाज खो रहे भारतीय वैज्ञानिकों ने अनोखा कीर्तिमान रचते हुए दो दो वैक्सीन विकसित कर दिए है और उन्हें सरकार ने मंजूरी भी दे दी है। ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अगर केंद्र सरकार उनके वैक्सीन कोविशिल्ड को बाजार में बेचने की अनुमति देती है, तो एक इसके एक खुराक की कीमत 1,000 रुपये होगी। इसके बारे में जानकारी देते हुए पूनावाला ने कहा “हम सरकार को बहुत ही विशेष मूल्य पर टीका प्रदान करेंगे। पहले 100 मिलियन खुराक की कीमत 200 रुपये प्रति खुराक रहेगी। इसके बाद अलग-अलग कीमतों पर बेचा जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, “लेकिन मेरा सिर्फ इतना कहना है कि हम जो कुछ भी सरकार को देंगे, वे उसे भारत के लोगों को मुफ्त में मुहैया कराने जा रहे हैं और फिर जब हम वैक्सीन को बाजार में बेचेंगे, तो उसकी एक खुराक की कीमत 1,000 रुपये रहेगी। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को दो खुराक लेने के लिए प्रति व्यक्ति को 2 हज़ार खर्च करने होंगे। उन्होंने […]

लम्बे समय से कोरोना का इलाज खो रहे भारतीय वैज्ञानिकों ने अनोखा कीर्तिमान रचते हुए दो दो वैक्सीन विकसित कर दिए है और उन्हें सरकार ने मंजूरी भी दे दी है। ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अगर केंद्र सरकार उनके वैक्सीन कोविशिल्ड को बाजार में बेचने की अनुमति देती है, तो एक इसके एक खुराक की कीमत 1,000 रुपये होगी। इसके बारे में जानकारी देते हुए पूनावाला ने कहा “हम सरकार को बहुत ही विशेष मूल्य पर टीका प्रदान करेंगे। पहले 100 मिलियन खुराक की कीमत 200 रुपये प्रति खुराक रहेगी। इसके बाद अलग-अलग कीमतों पर बेचा जाएगा।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, “लेकिन मेरा सिर्फ इतना कहना है कि हम जो कुछ भी सरकार को देंगे, वे उसे भारत के लोगों को मुफ्त में मुहैया कराने जा रहे हैं और फिर जब हम वैक्सीन को बाजार में बेचेंगे, तो उसकी एक खुराक की कीमत 1,000 रुपये रहेगी। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को दो खुराक लेने के लिए प्रति व्यक्ति को 2 हज़ार खर्च करने होंगे।

उन्होंने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले 7 से 10 दिनों में सभी दस्तावेजी कार्यवाही पूरी हो जाएगी। फिर इसकी आपूर्ति को अधिकतम करने के प्रयास किए जाएंगे। उम्मीद है कि अगले एक महीने में 70 से 80 मिलियन खुराक की आपूर्ति की जाएगी। कंपनी मार्च तक अपने टीके के उत्पादन को दोगुना कर देगी, लेकिन सरकार बाजार में इसकी उपलब्धता का निर्धारण करेगी।”
पूनावाला ने कहा, “हमें सरकार के मार्गदर्शन और जानकारी के आधार पर ही आगे बढ़ना होगा क्योंकि सरकार के अनुसार हम वैक्सीन का निर्यात नहीं कर सकते हैं और न ही किसी निजी बाजार को दे सकते हैं।” मैं इसका सम्मान करता हूं क्योंकि वे लोगों को मुफ्त में वैक्सीन देना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि देश और अन्य देशों में चल रहे कोरोना महामारी के बीच भारत में बने दो कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवासीन को डीसीजीआई से अंतिम मंजूरी मिली है। वहीं अब टीकों को लेकर राजनीति गर्मा गई है। देश के कई विपक्षी नेताओं ने वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को भाजपा का टीका कहा है और इसे लेने से इनकार कर दिया है।