40 प्रतिशत महिलाएं यौन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त
नई दिल्ली (ईएमएस)। आज के दौर में बड़ी संख्या में ऐसी कामकाजी महिलाएं हैं, जो सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म से वंचित रह जाती हैं। इसकी वजहें कई हो सकती हैं,मसलन शारीरिक और मानसिक स्थिति, तनाव, दवाएं और बीमारी। लेकिन अब ‘ओ-शॉट’ उपचार लेकर महिलाएं सेक्स का आनंद उठा सकती हैं। डॉ. अनूप धीर ने कहा कि करीब 40 फीसदी महिलाओं को यौन संबंधी गड़बड़ियों की वजह से मानसिक परेशानी होती है और वे सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पातीं। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी हमारा समाज उतना खुला नहीं है और बहुत कम महिलाएं ही इस मामले में मेडिकल हेल्प लेती हैं। महिलाओं में ऑर्गेज्म की परेशानी बहुत ही सामान्य दिक्कत है और अब इसे ओ-शॉट की मदद से ठीक किया जा सकता है, ओ-शॉट या ‘ऑर्गेज्म शॉट’ का इस्तेमाल महिलाओं में यौन संबंधी परेशानियों के इलाज में और ऑर्गेज्म हासिल करने में मदद करने में किया जाता है।इस प्रक्रिया में प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा (पीआरपी) को मरीज के ब्लड से निकाला जाता है और क्लिटोरिस के आसपास के हिस्से और योनि के भीतर पहुंचा दिया जाता है, शॉट में […]
नई दिल्ली (ईएमएस)। आज के दौर में बड़ी संख्या में ऐसी कामकाजी महिलाएं हैं, जो सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म से वंचित रह जाती हैं। इसकी वजहें कई हो सकती हैं,मसलन शारीरिक और मानसिक स्थिति, तनाव, दवाएं और बीमारी। लेकिन अब ‘ओ-शॉट’ उपचार लेकर महिलाएं सेक्स का आनंद उठा सकती हैं। डॉ. अनूप धीर ने कहा कि करीब 40 फीसदी महिलाओं को यौन संबंधी गड़बड़ियों की वजह से मानसिक परेशानी होती है और वे सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पातीं। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी हमारा समाज उतना खुला नहीं है और बहुत कम महिलाएं ही इस मामले में मेडिकल हेल्प लेती हैं।
महिलाओं में ऑर्गेज्म की परेशानी बहुत ही सामान्य दिक्कत है और अब इसे ओ-शॉट की मदद से ठीक किया जा सकता है, ओ-शॉट या ‘ऑर्गेज्म शॉट’ का इस्तेमाल महिलाओं में यौन संबंधी परेशानियों के इलाज में और ऑर्गेज्म हासिल करने में मदद करने में किया जाता है।इस प्रक्रिया में प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा (पीआरपी) को मरीज के ब्लड से निकाला जाता है और क्लिटोरिस के आसपास के हिस्से और योनि के भीतर पहुंचा दिया जाता है, शॉट में मरीज की बांह से निकाले गए ब्लड में मौजूद प्लेटलेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके द्वारा निकाले गए ब्लड को सेंट्रीफ्यूज के लिए रख दिया जाता है,जो प्लेटलेट रीच प्लाज्मा (पीआरपी) बनाते हैं।
इसके बाद इसे योनि के विशेष हिस्से में पहुंचाया है, महिलाएं सिर्फ इसका एक शॉट ले सकती हैं या फिर इससे अधिक शॉट के लिए भी आ सकती हैं,जिसे मौजूदा पीआरपी से ही तैयार किया जाएगा। उपचार का मुख्य लक्ष्य नई कोशिकाओं की वृद्धि में तेजी लाना और इंजेक्टेड हिस्से को संवेदनशील बनाना है, इसका असर करीब एक साल तक रहता है। इस प्रक्रिया के बाद ऑर्गेज्म अधिक मजबूत और जल्दी होता है और प्राकृतिक लुब्रिकेशन और उत्तेजना पहले से बेहतर होती है,लोकल एनेस्थेटिक प्रक्रिया के अंतर्गत इसमें 40 मिनट लगते हैं और महिलाएं ओ-शॉट लेने के बाद आराम से घर जा सकती हैं।