सूरत कपड़ा मार्केट : भाड़े सहित फिक्स खर्चों का व्यावहारिक हल नहीं ढूंढा गया तो दीवाली तक कई शटर गिर सकते हैं

टेक्सटाइल मार्केट में स्थित किराए की दुकान में व्यापारियों की मांग है कि दो महीने का किराया माफ करें और आगामी 6 महीने तक आधा किराया लेेंं। इसकी वजह यह है कि व्यापारियों को लग रहा है कि दिवाली तक व्यापार की गाड़ी पटरी पर लाने की संभावना नहीं है। अग्रणी व्यापारियों को डर सता रहा है कि किराए का सवाल यदि नहीं सुलझा तो 40 से 50 प्रतिशत दुकानें बंद हो जाएंगी।
मार्च महीने के अंत से घोषित की गई लॉकडाउन 1 जून के बाद खुली थी। जिससे अलग-अलग मार्केट में फिलहाल विरोध हो रहा है कि व्यापारी अप्रैल और मई महीने का किराया नहीं लें। इस बीच कुछ मार्केट में 45 दिन से लेकर दो महीने तक किराया माफ करने का निर्णय लिया गया है। जबकि 50 मार्केट में अभी भी यह सवाल यथावत ही है।
ऐसे में इन मार्केटों में यदि किराए का सवाल नहीं सुलझा तो अधिकतर व्यापारियों की हालत दयनीय होनेवाली है। टेक्सटाइल मार्केट के साथ वर्षों से जुड़े व्यापारी ने नाम नहीं देने की शर्त पर कहा कि किराये का सवाल नहीं सुलझा तो संभावना है कि दिवाली तक किराए पर दुकान चलानेवाले 50 प्रतिशत व्यापारी दुकान बंद करके अन्य व्यवसाय की तरफ मुड़ जाएंगे।
इसके अलावा छोटे व्यापारी अधिकतर 50 प्रतिशत धन अपने और बाकी के रिश्तेदारों के पास से अथवा तो दोस्तों के पास से धन लेकर व्यापार करते हैं। जबकि जून महीने से मार्केट में दुकान तो चालू हो गई है किंतु उसमें व्यापार होने के बजाय बैंक के कामकाज और पुरानी वसूली ही की जा रही है। जबकि दुकान शुरु होने के साथ ही किराया, मेन्टेनेन्स, कारीगर का वेतन तो चुकाना ही होता है।
साथ ही व्याज पर लिए धन का व्याज भी चुकाना होता है। इन सभी कारणों के बीच व्यापार में जिस तरह आय होनी चाहिए वह नहीं हो रही है। इसलिए संभावना है कि व्यापारी दुकान बंद करके अन्य व्यवसाय की तरफ मुड़ें। इसके अलावा वर्तमान में जो व्यापारी किराए से दुकान चलाते हैं वे सभी इससे भी कम किराए की दुकान में शिफ्ट होने की मंशा रखते हैं।