कानूनी फेरे में आ गये पतंजलि वाले बाबा रामदेव और बालकृष्ण

नई दिल्ली (ईएमएस)। योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से कोरोना के इलाज की दवा कोरोनिल लॉचिंग के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और आरसी खुल्बे की खंडपीठ मामले की सुनवाई 1 जुलाई को करेगी।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी कंपनी ने वैश्विक महामारी कोरोना से निजात दिलाने के लिए कोरोनिल दवा बनाने का दावा किया है। रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ बीते हरिद्वार में यह दवा लांच की। याचिकाकर्ता का कहना है कि रामदेव ने इस संबंध में नियमों का अनुपालन नहीं किया है।
अधिवक्ता ने इस दवा को चार बिंदुओं के आधार पर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि स्वामी रामदेव लोगों के बीच अपनी दवा का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। ये दवा न तो आईसीएमआर से प्रमाणित है, न उनके पास इसे बनाने का लाइसेंस है। दवा का अभी तक क्लीनिकल परीक्षण तक नहीं किया गया। इसके इस्तेमाल से शरीर में क्या साइडइफेक्ट होंगे, इसके बारे में भी पुष्ट जानकारी नहीं है। न इससे संबंधित कोई जानकारी या इतिहास है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने ऐसे में दवा पर रोक लगाने की मांग की है। इसमें आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइनों के इतर भ्रामक प्रचार पर कानूनी कार्यवाही की भी मांग की गई है।