कैट ने व्हाट्सएप और फेसबुक की नई नीति और नियमो के कारण उन पर बैन की मांग की
व्हाट्सएप की बदली हुई निजता नीति भारत के संविधान के मूल बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति पर कड़ी आपत्ति जताई है। जिसके माध्यम से व्हाट्सएप का उपयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यक्तिगत डेटा, भुगतान लेनदेन, संपर्क, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को व्हाट्सएप नई नीति के जरिए हासिल कर उसे अपने किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है । इस गम्भीर मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को मंगलवार को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को व्हाट्सएप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए। भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और कंपनी द्वारा प्रत्येक उपयोगकर्ता के डेटा को अपनी नीति के माध्यम से जबरन प्राप्त करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। यह हमें ईस्ट इंडिया कंपनी के उन दिनों की याद दिलाता है […]

व्हाट्सएप की बदली हुई निजता नीति भारत के संविधान के मूल बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति पर कड़ी आपत्ति जताई है। जिसके माध्यम से व्हाट्सएप का उपयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यक्तिगत डेटा, भुगतान लेनदेन, संपर्क, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को व्हाट्सएप नई नीति के जरिए हासिल कर उसे अपने किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है ।
इस गम्भीर मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को मंगलवार को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को व्हाट्सएप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए।
भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और कंपनी द्वारा प्रत्येक उपयोगकर्ता के डेटा को अपनी नीति के माध्यम से जबरन प्राप्त करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। यह हमें ईस्ट इंडिया कंपनी के उन दिनों की याद दिलाता है जब इस कम्पनी ने जिन्होंने केवल नमक का व्यापार करने के लिए भारत में प्रवेश किया और देश ग़ुलाम हुआ लेकिन वर्तमान समय में डाटा ही अर्थव्यवस्था एवं देश की सामाजिक संरचना के लिए महतवपूर्ण है । बिना किसी शुल्क के फेसबुक और व्हाट्सएप का उपयोग करने के लिए भारतीयों को पहले सुविधा देने के पीछे उनका असली मकसद अब सामने आ रहा है। उनका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय के डाटा को हासिल करना है और अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि वहाट्सैप भारत में अगले महीने से अपनी बदली हुई निजता नीति को लागू करने वाला है जो व्हाट्सएप का उपयोग करने वाले लोगों को अपनी मनमानी और एकतरफ़ा शर्तों को स्वीकार करने के लिए बाध्य करेगा। यदि वे व्हाट्सएप का उपयोग करना चाहते हैं और वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें फिर अपने मोबाइल से व्हाट्सएप को हटाना होगा। श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कि “व्हाट्सएप की बदली हुई निजता नीति एक व्यक्ति की निजता का अतिक्रमण है और भारत के संविधान के मूल बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। इसलिए कैट ने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि अपनी नई गोपनीयता नीति में, व्हाट्सएप उपयोगकर्ता को नई शर्तों को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहा है और यह अक्सर देखा जाता है कि बिना शर्तों को पढ़े ज्यादातर लोग बिना जाने केवल सामान्य व्यवस्था मानकर उन शर्तों को स्वीकार कर लेते हैं और उन्हें मालूम ही नहीं होता कि उन्होंने अपने लिए क्या मुसीबत मोल ले ली है ।अगर कोई व्यक्ति संशोधित शर्तों को स्वीकार नहीं करता तो उस स्थिति में वो व्हाट्सैप का उपयोग नहीं कर सकता । उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण भी है। भारत में काम करने वाली कंपनी उपयोगकर्ताओं को अपनी मनमानी और एकतरफा शर्तों को स्वीकार करने के लिए कैसे बाध्य कर सकती है ? दोनों व्यापारी नेताओ ने ये सवाल उठाया।
उन्होंने ने कहा की व्हाट्सएप किसी भी यूजर की लोकेशन, यूसेज और फ़ोन के मॉडल की जानकारी आसानी से ले सकता है यही नही नई नीतियों के माध्यम से व्हाट्सएप उपयोगकर्ता के बैंक खाते को भी एक्सेस कर पायेगा। इतना ही नहीं बल्कि व्हाट्सएप को यह भी पता होगा कि यूजर किसको और कितना भुगतान कर रहा है, साथ ही दूसरी जानकारियां जैसे कि यूजर ने क्या खरीदा और उसकी डिलीवरी कहा हो रही है इसकी भी जानकारी वो आसानी से हासिल कर पायेगा।यह प्रत्येक उपयोगकर्ता को ट्रैक कर सकता है। ऐसे विशाल डेटा को प्राप्त करने के बाद, वे उपयोगकर्ताओं की खरीद और खर्च करने के व्यवहार के साथ साथ, वे क्या खाते हैं, विभिन्न वस्तुओं की आवश्यकताओं की मात्रा, यात्रा और गंतव्य, उड़ानों का उपयोग, रेलवे, टैक्सी, सड़क परिवहन आदि की सटीक जानकारी हासिल कर पायेगा। ये बेहद चिंता जनक है और इस पर तुरंत कार्यवाई की जाए।