RBI द्वारा घोषित मोरेटोरियम का लाभ ले रहे हैं तो कैल्यूकेलश कर लेना; कहीं मामला महंगा न पड़ जाए

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मोरेटोरियम की मियाद एक बार फिर से 3 महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दी गई है।
यदि आपकी होम,ओटो, पर्सनल, टर्म लोन की हफ्ते की रकम चुकानी हो तो आगामी 3 महीने तक नहीं भरनी होगी। लेकिन आपको बता दें कि मोरेटोरियम का लाभ लेने पर आपको अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा।
आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि लोन मोरेटोरियम का मतलब लोन वेवर नहीं है। उन्होंने कहा कि ईएमआई को टालने के लिए ब्याज को 6 महीना के टर्म लोन में बदला जा सकता है। मतलब की ब्याज पर ग्राहकों ब्याज देना पड़ेगा। इसका मतलब 6 महीने के बाद जो ईएमआई होगा उसकी रकम बढी होगी या तो हफ्ता बढ़ जाएगा।
आपको बता दें कि मोरटोरियम लेने पर तीन विकल्प मिल सकते हैं। यदि आप मोरटोरियम का विकल्प पसंद करते हैं तो 6 महीने ईएमआई नहीं भरना होगा। इन 6 महीने के हफ्ते पर लगने वाला ब्याज चुकाना पड़ सकता है। यदि ईएमआई के पेमेंट में मोरेटोरियम पसंद किया हो तो तीन विकल्प मिलेगा।
- मोरेटोरियम समाप्त होने पर ब्याज का पैमेंट एक साथ करना होगा।
- बाकी की लोन में ब्याज को जोड़ा जाए तो लोन की बाकी हफ्ते की रकम बढ़ जाएगी।
- बाकी लोन में लागू होने वाले ब्याज को जोड़ दिया जाएगा। इससे हफ्ते की रकम बढ़ जाएगी और लोन की मियाद बढ जाएगी।
कई बैंकों ने पहले ही बता दिया है कि मोरटोरियम पीरियड के बाद 6 महीने की ब्याज की वसूली होगी। इसका मतलब यह होगा कि लोन लेने वालों की संख्या बाद में दोगुनी बढ़ जाएगी क्योंकि लोग पहले से ही लोगों की कम हो गई है। या तो दूसरे ढंग से उनके हप्ते की रक़म बढ जाएगी या हप्ता बढ जाएगा।