गरीबों को मिलना चाहिए आपातकालीन नगद सहायता : अजीम प्रेमजी

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के दूसरे हिस्से के बारे में बात की। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मग्न्रेगा पर 10,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है जिसके माध्यम से 13 मई 2020 तक 14.62 करोड़ मानव-दिन का कार्य मिला है।
विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने प्रवासी मजदूरों और कृषि क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री की घोषणा के बारे में बात करते हुए कहा, “मग्न्रेगा का विस्तार करना सबसे अधिक प्रभावशाली कदम हो सकता है। हमें 3.6 महीने के लिए सभी लोगों के लिए डबल पीडीएस राशन उनके घरों तक उपलब्ध कराना चाहिए जिसमे खाना पकाने के तेल के साथ-साथ दालें, नमक, मसाला, सेनेटरी पैड और अन्य अवश्य सामग्री हो।”
#AzimPremji says immediate steps are needed to help the rural sector. "Emergency cash relief of Rs 7,000 a month should be provided for at least three months (without biometric authentication) to each poor household/or migrant worker," he said pic.twitter.com/UPNNjRx1HS
— ET NOW (@ETNOWlive) May 16, 2020
"No one should be forced to stay back, or return to their home states. Provide full autonomy," says @Wipro founder Chairman #AzimPremji on the need to protect migrant labour pic.twitter.com/XptDfehaMG
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प्रत्येक गरीब परिवार को 3 महीने के लिए 7,000 रुपये नकद:
प्रेमजी ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। “प्रत्येक गरीब घर / या प्रवासी कार्यकर्ता को कम से कम तीन महीने (बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बिना) के लिए प्रति माह 7,000 रुपये की आपातकालीन नकद राहत प्रदान की जानी चाहिए।”
प्रवासी श्रमिक संकट के बारे में बोलते हुए, प्रेमजी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों द्वारा सामना की जाने वाली पीड़ा और उनकी मौतें एक अक्षम्य त्रासदी हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि वह ये जानकार हैरान थे कि राज्य सरकारें श्रमिकों की रक्षा करने वाले कई श्रम कानूनों को निलंबित कर रही हैं।“
परोपकारी अरबपति प्रेमजी ने कहा कि फंसे हुए और प्रवासी मजदूरों को उनकी यात्रा की योजना तय करने में पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही महामारी के रोकथाम के सभी उपायों को सुनिश्चित करना चाहिए। “किसी को भी रुकने या अपने गृहराज्य जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। फंसे हुए श्रमिकों के लिए बसों और ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जानी चाहिए।”
श्रम कानूनों के निलंबित को देखकर हैरान:
“मुझे यह सुनकर हैरानी हुई कि ऐसे कई श्रम कानून जो श्रमिकों की रक्षा करते हैं उसे विभिन्न राज्य सरकार निलंबित करने पर विचार कर रही हैं। कई सरकार तो पहले ही निलंबित कर चुकी हैं। जिन प्रवासी श्रमिकों को हम अपने लिए और उनके परिवारों के लिए जूझते देखते है उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है।” उन्होंने कहा।
गौरतलब है कि फोबेस के अनुसार कोरोनो वायरस से बचने के लिए तीसरा सबसे बड़ा निजी दान अजीम प्रेमजी के तरफ से आया है। आईटी क्षेत्र में दिग्गज विप्रो के अध्यक्ष ने $132 मिलियन (1,000 करोड़ रुपये) का दान दिया है।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, विप्रो और विप्रो एंटरप्राइजेज ने मिलकर COVID-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न अभूतपूर्व स्वास्थ्य और मानवीय संकट से निपटने के लिए 1,125 करोड़ रुपये की सहायता की है। 1,125 करोड़ रुपये में, विप्रो की प्रतिबद्धता 100 करोड़ रुपये है। विप्रो एंटरप्राइजेज ने 25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, वहीं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन 1,000 करोड़ रुपये दान दे रहा है।