टेलीकॉम कंपनियों पर 5 लाख करोड़ का कर्जा
घाटे से जूझ रही है टेलीकॉम कंपनियां नई दिल्ली (ईएमएस)। पिछले कई महीनों से देश की बड़ी-बड़ी टेलीकॉम कंपनियां घाटे से जूझ रही हैं। टेलीकॉम सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब हो रही है। रिलायंस जिओ द्वारा जो खेल भारत में शुरू किया गया है। उसके बाद तो टेलीकॉम कंपनियों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। टेलीकॉम कंपनियों पर 5 करोड रुपए का कर्ज बैंकों का बकाया है। पिछले साल रिलायंस जिओ की सर्विस शुरू होने के बाद टेलीकॉम कंपनियों के आय में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इंडस्ट्री की हालत सुधारने के लिए मंत्री समूह ने टेलिकॉम कमीशन को समीक्षा करने के लिए कहा है। कंपनियों को घाटे से बाहर निकालने के सुझाव मांगे हैं। मंत्रिमंडल समूह द्वारा दिए गए निर्देश के बाद भारतीय एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आईडिया, सेलुलर रिलायंस, कम्युनिकेशन और टाटा टेलीसर्विसेस जैसी कंपनियों को कुछ आशा बनी है कि वह अपनी वित्तीय हालत सुधार पाएंगे। टेलिकॉम कमीशन ने स्पेक्ट्रम की रकम 10 साल के स्थान पर 16 साल में चुकाने का प्रस्ताव किया है। कंपनियों द्वारा यदि स्पेक्ट्रम की बकाया राशि विलंब से जमा […]
घाटे से जूझ रही है टेलीकॉम कंपनियां
नई दिल्ली (ईएमएस)। पिछले कई महीनों से देश की बड़ी-बड़ी टेलीकॉम कंपनियां घाटे से जूझ रही हैं। टेलीकॉम सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब हो रही है। रिलायंस जिओ द्वारा जो खेल भारत में शुरू किया गया है। उसके बाद तो टेलीकॉम कंपनियों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है।
टेलीकॉम कंपनियों पर 5 करोड रुपए का कर्ज बैंकों का बकाया है। पिछले साल रिलायंस जिओ की सर्विस शुरू होने के बाद टेलीकॉम कंपनियों के आय में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इंडस्ट्री की हालत सुधारने के लिए मंत्री समूह ने टेलिकॉम कमीशन को समीक्षा करने के लिए कहा है। कंपनियों को घाटे से बाहर निकालने के सुझाव मांगे हैं। मंत्रिमंडल समूह द्वारा दिए गए निर्देश के बाद भारतीय एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आईडिया, सेलुलर रिलायंस, कम्युनिकेशन और टाटा टेलीसर्विसेस जैसी कंपनियों को कुछ आशा बनी है कि वह अपनी वित्तीय हालत सुधार पाएंगे।
टेलिकॉम कमीशन ने स्पेक्ट्रम की रकम 10 साल के स्थान पर 16 साल में चुकाने का प्रस्ताव किया है। कंपनियों द्वारा यदि स्पेक्ट्रम की बकाया राशि विलंब से जमा की जाती है, तो ब्याज दर कम करने का भी सुझाव कमीशन ने दिया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों को आशा है कि यह सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो वह अपनी आर्थक स्थिति को सुधार सकते हैं। टेलीकॉम कमीशन की अनुशंसाओं का रिलायंस जियो द्वारा विरोध किया जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है।