एयरसेल के सामने कारोबार समेटने की नौबत!
मुंबई (ईएमएस)। रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ मर्जर रद्द किए जाने के बाद एयरसेल के पास अपना कामकाज धीरे-धीरे समेटने के सिवा कोई चारा बचने की गुंजाइश बेहद कम दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के चलते एयरसेल 2जी या 3जी स्पेक्ट्रम नहीं बेच सकती। वहीं, पैसे की तंगी और ज्यादा कर्ज के चलते उसे लगातार नुकसान हो रहा है। इसीलिए जानकारों का कहना है कि कंपनी अपना कामकाज समेट सकती है। उन्होंने कहा कि एयरसेल के पास 4जी स्पेक्ट्रम नहीं है और उस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में वह ऐसी डील करने की कोशिश कर सकती है, जिसमें उसके स्पेक्ट्रम को शामिल न किया जाए, जबकि लगभग 8.9 करोड़ सब्सक्राइबर्स सहित इसकी दूसरी वायरलेस एसेट्स और करीब 40 हजार टावरों को किसी अन्य कंपनी को बेचा जा सके। हालांकि एयरसेल बैंकरप्सी रूट के जरिए दुकान पूरी तरह नहीं समेटना चाहेगी, क्योंकि ऐसा होने पर मैक्सिस की बैंक गारंटी उसे तुरंत चुकानी पड़ सकती है। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर एयरसेल के स्पेक्ट्रम बेचने के किसी भी कदम को सुप्रीम […]
मुंबई (ईएमएस)। रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ मर्जर रद्द किए जाने के बाद एयरसेल के पास अपना कामकाज धीरे-धीरे समेटने के सिवा कोई चारा बचने की गुंजाइश बेहद कम दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के चलते एयरसेल 2जी या 3जी स्पेक्ट्रम नहीं बेच सकती। वहीं, पैसे की तंगी और ज्यादा कर्ज के चलते उसे लगातार नुकसान हो रहा है। इसीलिए जानकारों का कहना है कि कंपनी अपना कामकाज समेट सकती है। उन्होंने कहा कि एयरसेल के पास 4जी स्पेक्ट्रम नहीं है और उस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।
ऐसे में वह ऐसी डील करने की कोशिश कर सकती है, जिसमें उसके स्पेक्ट्रम को शामिल न किया जाए, जबकि लगभग 8.9 करोड़ सब्सक्राइबर्स सहित इसकी दूसरी वायरलेस एसेट्स और करीब 40 हजार टावरों को किसी अन्य कंपनी को बेचा जा सके। हालांकि एयरसेल बैंकरप्सी रूट के जरिए दुकान पूरी तरह नहीं समेटना चाहेगी, क्योंकि ऐसा होने पर मैक्सिस की बैंक गारंटी उसे तुरंत चुकानी पड़ सकती है। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर एयरसेल के स्पेक्ट्रम बेचने के किसी भी कदम को सुप्रीम कोर्ट मंजूरी दे दे, तो पूरी पिक्चर बदल सकती है। कंपनी फिर से खड़ी हो सकती है।