गुजरात विवि उत्तर पुस्तिका कांड के 14 आरोपित गिरफ्तार
मुख्य आरोपित पहले ही गिरफ्तार
अहमदाबाद, 31 जनवरी (हि.स.)। गुजरात विश्वविद्यालय के असेसमेंट रूम से उत्तर पुस्तिका के फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये सभी गुजरात विश्वविद्यालय में नर्सिंग के विद्यार्थी हैं, जिन्होंने असेसमेंट रूम से उत्तर पुस्तिका बाहर लिखने के लिए आरोपितों से सम्पर्क कर उनसे धन लिए थे। मुख्य आरोपित सनी चौधरी और अमित सिंह पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
11 जुलाई, 2023 को गुजरात विश्वविद्यालय के असेसमेंट सेंटर से उत्तर पुस्तिका गुम होने की शिकायत विवि थाने में दर्ज की गई थी। चार महीने पहले पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपित सनी चौधरी और अमित सिंह को गिरफ्तार किया। इसी मामले में अन्य 14 आरोपित दर्शित पटेल, स्मित परजाति, याग्निक बेरडिया, मीत देसाई, शीया पटेल, हेनिन कुमार, किरण सोलंकी, फतेह अली, साहिल दलाल, नाहिल दलाल, विहार, आसिफ, दिग्विजय ठाकोर को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि मुख्य आरोपित सनी और अमित, विद्यार्थियों के पास से पेंसिल से हैश का निशान लगवाता था। पेपर की पहचान के लिए उत्तर पुस्तिका के आगे के भाग में स्वास्तिक का निशान विद्यार्थियों से लगवाया जाता था। मुख्य आरोपित रात के समय जूना वाडज बस स्टैंड के समीप विद्यार्थियों को बुलाते थे, जहां से उनके मोबाइल बंद कर और आंख में पट्टी बांधकर किसी मकान में ले जाया जाता था। यहां पेपर लिखवाया जाता था।
सोशल मीडिया के जरिए आरोपित विद्यार्थियों से सम्पर्क करते थे। सनी और अमित असेसमेंट सेंटर पर चपरासी को विद्यार्थियों की लिस्ट देता था। जो लिस्ट मिलने के बाद डील हुए विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका देता था। बाद में उत्तर पुस्तिका को लिखवाया जाता था। सनी और अमित के पास उत्तर पुस्तिका सेटिंग के लिए मिले कुल रकम में से 80 फीसदी रहता था, बाकी की रकम 3 एजेंट को दिया जाता था।
यूनिवर्सिटी ने रोके थे परिणाम
मुख्य आरोपित से पूछताछ में पता चला कि इन्होंने 3 साल में 59 विद्यार्थियों से रुपये लेकर उनके पेपर अलग जगहों पर लिखवाए। बाद में जब यूनिवर्सिटी को इस मामले की जानकारी मिली तो उसने 59 में से अंतिम सेमेस्टर के जिन विद्यार्थियों ने पास होने के लिए रुपये दिए थे, उन 16 विद्यार्थियों के परिणाम रुकवा दिए थे। इन 16 विद्यार्थियों में अधिकांश नर्सिंग और फिजियोथेरापी के विद्यार्थी शामिल थे।